इन मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों की नर्सेज!

कोरोना काल में अपनी जान को खतरे में डालकर मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नर्सों को अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों की नर्स अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।

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पदोन्नति और कोरोना भत्ता सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर महाराष्ट्र सरकार के अस्पतालों की नर्सें 48 घंटे की हड़ताल पर हैं। मुंबई के जेजे अस्पताल की 1300 नर्सों सहित प्रदेश के 24 जिलों की नर्सें इस हड़ताल में शामिल हैं। उनके संगठन ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे।

नर्सों के संगठन का कहना है कि इन्होंंने कोरोना की पहली और दूसरी लहरों के दौरान अपने और अपने परिवार के जीवन को खतरे में डालकर ड्यूटी निभाई, लेकिन बदले में न तो उन्हें कोई भत्ता दिया गया और न ही कोई सुविधाएं ही दी गईं।

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पहली पंक्ति के कोरोना योद्धा
बता दें कि देश के डॉक्टर और नर्स सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी पहली पंक्ति का कोरोना योद्धा माना जाता है और सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना महामारी के दौरान इनके काम और सेवा की कई बार प्रशंसा कर चुके हैं।

ये हैं मांगें
हड़ताली नर्सों की मांग है कि उन्हें पदोन्नति के साथ ही कोरोना भत्ता दिया जाए और वर्षों से लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इनकी इन मांगों को लेकर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। हालांकि कोरोना के मरीजों की संख्या फिलहाल कम हो जाने के कारण अस्पतालों के कामकाज पर कोई ज्यादा प्रभाव पड़ने की जानकारी नहीं मिली है।

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