महाराष्ट्र में बिजली संकट पर बवाल, मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश

देश के कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र भी शामिल है। सरकार ने इसे लेकर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

86

पूरे देश में बिजली की किल्लत है। सिर्फ हमारे ऊपर ही यह संकट नहीं है। इस परिस्थिति को समझते हुए सभी को बिजली की बचत करनी चाहिए। बिजली की बर्बादी न हो, इसका ध्यान रखा जाए। इस बारे में सभी को सचेत करें और जन जागरूकता फैलाएं। यह आदेश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया है।

मुख्यमंत्री ने महाउत्पादन से राज्य में आवश्यक बिजली उपलब्ध कराने के लिए निजी बिजली कंपनियों और अन्य वैकल्पिक मार्गों से कारगर योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नि कंपनियां अतिरिक्त बिजली का उत्पादन करें। इसके लिए जरूरी अनुमतियों के लिए केंद्र से पत्राचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बिजली बचत को लेकर ग्रामपंचायतों, नगर पालिकाओं से लेकर मनपा स्तर तक जागरूकता के लिए विशेष मुहिम चलाने का निर्देश दिया है।

बैठक मे ये रहे उपस्थित
सरकारी आवास वर्षा बंगले में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिजली उत्पादन की प्लानिंग को लेकर ऊर्जा विभाग की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत, सांसद अनिल देसाई, विनायक राऊत, मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बिजली बर्बाीद बर्दाश्त नहींः सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बिजली संकट से निपटने के लिए सभी विकल्पों को तलाशा जाना चाहिए। बिजली बर्बादी को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही अब नहीं चलेगी। इसे अनदेखा न करें। बिजली संकट सिर्फ हमारे राज्य में ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में भी है। इसलिए अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे उपायों, बिजली लेन-देन की जानकारी ली जाए। बिजली बचत को लेकर राज्य के ग्राम पंचायतों से लेकर निकाय संस्थाओं तक सभी को सतर्क करें। सार्वजनिक स्थानों पर बिजली बर्बादी न होने पाए। इसके लिए ग्रामीण विकास, नगर विकास और ऊर्जा विभाग एक साथ मिलकर प्रयास करें।

देश के 27 राज्यों में बिजली संकट
ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत ने कहा कि बिजली की समस्या कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति और गर्मियों में अचानक मांग में वृद्धि के कारण हुई है। फिलहाल तत्काल समाधान पर काम किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के हर जिले में वॉर स्टेशन बनाए गए हैं। बिजली की कमी से अकेले महाराष्ट्र ही नहीं देश के 27 राज्य भी जूझ रहे हैं। राज्य में अखंडित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोयला आयात के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। साथ ही गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग, ऊर्जा बचत उपकरणों का उपयोग, बिजली की खपत के लिए ऊर्जा परीक्षण, घटिया सब स्टेशनों को बंद करने जैसे ऊर्जा बचत उपायों पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा बिजली उत्पादन के लिए कोयले की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपायों की योजना बनाई जा रही है। ऊर्जा मंत्री राऊत ने कहा कि वांशरीज से कोयला लाने के लिए कोई ट्रेन उपलब्ध न होने पर सड़क मार्ग से परिवहन करने के निर्देश दिए गए हैं।

लोगों ने दी है चेतावनी
बता दें कि बिजली कटौती को लेकर राज्य के कई जिलों में आंदोलन शुरू हो गए हैं। गर्मी से बेहाल लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है। इस मामले में राजनीति बढ़ने की पूरी संभावना है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.