महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई मृत्यु की असली वजह!

प्रयागराज के बाघंबरी मठ में 22 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले उनके पार्थी शरीर को गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान कराया गया।

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अखील भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन से हड़कंप मच गया है। दो दिन पहले इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में उनका शव संदिग्ध अवस्था में पाया गया था। उनके शव के पास से सात पन्ने का सुसाइड नोट बरामद हुआ था। नोट में उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए थे और कई लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बाद में उनकी हत्या की आशंका जताई गई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

शिष्य आनंद गिरि गिरफ्तार
नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस ने बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी प्रकाश तिवारी को आनंद गिरि के साथ गिरफ्तार किया है। आनंद गिरि और तिवारी को उनकी मौत के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। नरेंद्र गिरि ने कई पन्नों के सुसाइड नोट में दोनों को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 21 सितंबर को नरेंद्र गिरि की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मौत से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और दोषियों को छोड़ा नहीं किया जाएगा.

इस वजह से हुई मौत
मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने पोस्टमार्टम किया। उसकी रिपोर्ट सामने आई है और बताया जा रहा है कि दम घुटने से उनकी मौत हुई है। इससे साफ हो गया है कि नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है।

पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी
पोस्टमॉर्टम प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम ने किया। उन्होंने इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है। नरेंद्र गिरि के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं है। इससे साफ होता है कि उन्होंने आत्महत्या की है। सूत्र ने कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नरेंद्र गिरि के गले में वी का निशान दिखाई दे रहा है।” इस बीच पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों को विसरा सुरक्षित रखने को कहा गया है ताकि अन्य आशंकाओं को स्पष्ट किया जा सके।

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दी गई समाधि
प्रयागराज के बाघंबरी मठ में 22 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले उनके पार्थी शरीर को गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान कराया गया। दोपहर करीब 3 बजे  महंत को समाधि दी गई।

‘सच्चाई छिपाने की कोशिश’
मेरठ में, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मांग की कि उच्च न्यायालय के तत्वावधान में सीबीआई द्वारा नरेंद्र गिरि की मौत की जांच की जाए। उन्होंने राज्य सरकार पर साधु अनुयायियों को गुमराह करने और सच्चाई को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि जांच से पहले ही पुलिस इस नतीजे पर कैसे पहुंच गई कि यह हत्या नहीं, आत्महत्या है।

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