भूमि हड़पनेवाले नेताओं पर कार्रवाई को लेकर उच्च न्यायालय का बड़ा निर्णय आया है। इस संबंध में न्यायालय ने निर्देश दिया है कि ऐसा करनेवाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ऐसी कड़ी कार्रवाई करते हुए भूमि पर अवैध कब्जा करनेवाला किस दल या कितना कद्दावर है इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
मद्रास उच्च न्यायालय में नमक्कल जिला के कबिलाकुरिची पंचायक का है। जिसमें ग्राम पंचायत अध्यक्ष समेत अन्य लोगों पर जमीन हथियाने का आरोप लगा था, जिसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में चल रही थी।
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बिना रियायत के हो कार्रवाई
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसएम सुब्रमानियम ने सुनवाई के दौरान कहा कि, भूमि हड़पने की घटनाओं में निर्वाचित सदस्यों की भूमिका होना सामान्य लोगों की अपेक्षा बहुत गंभीर है। इसलिए ऐसे प्रकरणों में भूमि हड़पनेवालों पर बिना किसी रियायत के कार्रवाई होनी चाहिए।
लोगों द्वारा दिये गए अधिकार का दुरुपयोग
नेताओं को अधिकार जनता ने दिये हैं, ऐसी स्थिति में उसका दुरुपयोग जनता के खिलाफ है, इसलिए उन पर कार्रवाई तत्काल होनी चाहिए। लोग तभी निर्वाचित होते हैं जब लोग विश्वास करते हैं। इसलिए लोगों का विश्वास और अपेक्षाओं को हर स्थिति में बनाए रखना चाहिए।
क्या है प्रकरण
कबिलाकुरिची ग्राम पंचायत के रहनेवाले पी शंकर ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक प्रकरण दायर किया था। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि न्यायालय राजस्व आयुक्त को आदेश दें कि वह 10 लाख रुपए का हर्जाना देने की दिशा में कार्य करें। यह स्थानीय अधिकारियों और कबिलाकुरिची ग्राम पंचायत अध्यक्ष से वसूल किया जाए।
याचिकाकर्ता ने ग्राम पंचायत चुनावों में विरोधी दल में कार्य किया था। चुनाव के बाद आरोप है कि पंचायत अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी जमीन हथियाने, फर्जी बिल बनाकर सरकारी पैसे ऐंठने में लग गए।