जानिये, भारत में कैसे प्राप्त की जा सकती है लाइसेंसी बंदूक?

जापान में वैध हथियार प्राप्त करना काफी दुरूह काम है। वहीं अमेरिका में यह काम काफी आसान है। भारत की बात करें तो यहां भी लाइसेंसी हथियार प्राप्त करने का नियम बहुत आसान नहीं है।

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जापान में 8 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिका में गोलीबारी कर सामूहिक हत्या का कुख्यात इतिहास विश्व विश्व प्रसिद्ध है। इसके साथ ही कुछ अन्य देशों में भी इस तरह की दिल दहला देने वाली घटनाएं सुर्खियों में रहती हैं। जापान में वैध हथियार प्राप्त करना काफी दुरूह काम है। वहीं अमेरिका में यह काम काफी आसान है। कहा जाता है कि वहां लैपटॉप और अन्य सामानों को खरीदना बंदूक खरीदने से अधिक मुश्किल काम है। इस गन कल्चर का दुष्प्रभाव बीच-बीच में देखने को मिलते रहता है। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन बंदूक संस्कृति को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं। विश्व में महाशक्ति के नाम से प्रसिद्ध इस देश में बंदूक प्राप्त करने के नियम-कानून को अधिक कठोर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

भारत की बात करें तो यहां भी लाइसेंसी हथियार प्राप्त करने का नियम बहुत आसान नहीं है। इसके साथ ही अवैध रूप से हथियार रखने पर काफी सख्त सजा का भी प्रावधान है।

भारत में बंदूक या गन का लाइसेंस प्राप्त करना 1959 के सशस्त्र अधिनियम के तहत आता है। यदि किसी के जीवन को खतरा है तो इस अधिनियम के तहत उसे हथियार रखने का लाइसेंस मिल सकता है। हालांकि भारत में बंदूक रखने का लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी लंबी है।

इस तरह है प्रक्रिया

  • बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए सबसे पहले आवेदन करना जरुरी है। लाइसेंस प्राप्त करने का इच्छुक व्यक्ति अपने जिला पुलिस अधीक्षक से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकता है या ऑन लाइन फॉर्म भर सकता है।
  • आवेदन करने के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। पुलिस यह पता लगाने में जुट जाएगी कि उक्त व्यक्ति का कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है। इसके साथ ही दिए गए पते और अन्य जमा दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी।
  • इस क्रम में पुलिस उसके आसपास के लोगों से भी जानकारी प्राप्त करेगी। पुलिस गन प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति के व्यवहार और किसी से झगड़ा या रंजिश के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगी।
  • पुलिस अधिकारी( डीसीपी) उस व्यक्ति से मिलकर उसकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
  • साक्षात्कार में संतुष्ट हो जाने के बाद पुलिस अधिकारी अपराध शाखा और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को रिपोर्ट भेजता है।
  • अगर इन सब प्रक्रिया में पुलिस व्यक्ति के जवाब और जानकारी से संतुष्ट हो जाती है तो उसे लाइसेंस मिल सकता है।
  • बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के बाद अब व्यक्ति को बंदूक खरीदने के लिए डीलर से संपर्क करना होगा।
  • इसके बाद व्यक्ति को अपनी पसंद की बंदूक प्राप्त करने के लिए लाइसेंस प्राप्त दुकान से बंदूक प्राप्त करने के लिए ऑर्डर देना होगा।
  • गन लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र आयुध निर्माण कंपनी की वेबसाइट पर  भी उपलब्ध है।
  • गन प्राप्त करने में सामान्य रूप से दो महीने का समय लगता है।
  • विशेष कारखाने में निर्मित बंदूक को प्राप्त करने में तीन महीने का भी समय लग सकता है।
  • लाइसेंस के लिए फीस 10 रुपए से 300 रुपए के बीच है। आप फीस की जानकारी नीचे दिए गए चार्ट में देख सकते हैं।
  • हैंडगन यानी पिस्टल/ रिवॉल्वर या रिपटिंग राइफल का लाइसेंस चाहते हैं तो इसकी फीस 100 रुपए है।
  • भारत में तीन तरह की बंदूक के लिए लाइसेंस दिए जाते हैं। इसमें शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टिंग गन शामिल है।
  • एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन बंदूकों का ही लाइसेंस रख सकता है। सरकार के नियमों के अनुसार कई ऐसे बंदूक भी हैं, जिन्हें आम आदमी को नहीं दिया जा सकता है।
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