बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया गया चांदी का पलंग, गर्भगृह में सुशोभित हुआ रजत पलंग

श्री काशी विश्वनाथ धाम में 24 जुलाई की शाम एक भव्य आयोजन हुआ। जिसमें नाट कोट क्षेत्रम की ओर से बाबा विश्वनाथ के लिए एक रजत का पलंग दान किया गया।

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श्री काशी विश्वनाथ धाम में 24 जुलाई की शाम एक भव्य आयोजन हुआ। जिसमें नाट कोट क्षेत्रम की ओर से बाबा विश्वनाथ के लिए एक रजत का पलंग दान किया गया। इस पलंग को रात्रि कालीन होने वाले श्रृंगार भोग आरती में गर्भगृह में लगाया गया।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रीनाथ कोट छेत्रम संस्था द्वारा मंदिर के पूजा पाठ सहित कई अन्य कार्यों में काफी सहयोग किया जाता है। उसी संस्था द्वारा चांदी का पलंग दान किया गया है।

उज्जैन में चन्द्रमौलेश्वर रुप में प्रजा का हाल जानने के लिए निकलेंगे बाबा महाकाल
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के दूसरे सोमवार को आज भगवान महाकालेश्वर चन्द्रमौलेश्वर के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड एवं लोकेश चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि, श्री महाकालेश्वर भगवान पालकी में चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व मंदिर के कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। जैसे पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान महाकाल को सलामी दी जायेगी।

उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए क्षिप्रातट रामघाट पर पहुंचेगी। जहा पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजन किया जायेगा। पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्गो से होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुचेगी। भगवान महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां अभिषेक और पूजन-के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: मन्दिर पहुंचेगी।

मंदिर समिति की श्रद्धालुओं से अपील
मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि, वे सवारी मार्ग में सडक़ की ओर व्यापारी गण भट्टी चालू न रखें एवं न ही तेल का कढ़ाव रखें। इसके अलावा दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें तथा सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडे रहें। गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के मध्य सिक्के नारियल केले फल, आदि न फेंके।

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