कर्नाटक में भाजपा विधायक की मां समेत चार परिवारों ने घर वापसी की है। इन्होंने ईसाई धर्म को छोड़कर फिर से हिंदू धर्म को अपना लिया है। इन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ घर वापसी कर ली है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री गुलीहट्टी शेखर ने हाल में कर्नाटक विधानसभा में हिंदुओं के ईसाई बनाए जाने का मुद्दा उठाया था। आखिर उनकी कोशिश सफल हुई और 11 अक्टूबर को उनकी मां समेत चार परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर फिर से हिंदू धर्म को स्वीकार कर लिया।
विधायक ने कही ये बात
शेखर ने बताया कि उनकी मां समेत चार परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाने के बाद फिर से घर वापसी की है। इन्होंने अपनी गलती सुधार ली है। हिंदू धर्म में वापसी के लिए उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की। घर वापसी करने के बाद उन्होंने खुशी व्यक्त की। पूर्व मंत्री ने कहा कि इन्हें बहला-फुसलाकर ईसाई बना दिया गया था। लेकिन अब इन्होंने फिर से हिंदू धर्म अपनाकर अपनी गलती सुधार ली है।
मानसून सत्र के दौरान किया था दावा
मानसून सत्र के दौरान शेखर ने दावा किया था कि प्रदेश में उनकी मां समेत कम से कम 20 हजार लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करा दिया गया है। उन्होंने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। प्रदेश के गृह मंत्री ए ज्ञानेंद्र ने उन्हें इस मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया था और कहा था कि प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराना अपराध है।
हिंदू देवी-देवताओं से बना ली थी दूरी
शेखर ने बताया कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद उनकी मां ने हिंदू देवी-देवताओं से मुंह मोड़ लिया था और वे घर में स्थापित उनकी मूर्तियों तथा पूजास्थल की ओर देखना भी नहीं चाहती थीं। यहां तक कि उन्होंने अपना रिंगटोन भी ईसाई प्रार्थना को बना लिया था।