Vande Bharat Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के हाथों 6 जून को कटरा से श्रीनगर के लिए दो वंदे भारत ट्रेनों(Two Vande Bharat trains from Katra to Srinagar) को हरी झंडी(Green flag) दिखाए जाने के साथ ही दशकों का सपना सच(Decades old dream come true) हो गया है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेल कनेक्टिविटी(Rail connectivity from Kanyakumari to Kashmir) हो हो गई है। अब यात्री ट्रेन से वादियों और पहाड़ों का दीदार(View of valleys and mountains) करते हुए श्रीनगर(Srinagar) तक पहुंचेंगे। ट्रेन में एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को कश्मीरी बादाम, अंजीर और अन्य कश्मीरी व्यंजन(Kashmiri almonds, figs and other Kashmiri dishes) भी परोसे जाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी तैनात(Security personnel also deployed) रहेंगे। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
सितंबर महीने से शुरू होगा यात्रियों का सफर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जम्मू से श्रीनगर तक सीधा रेल सफर सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा। जम्मू रेलवे स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म बनाने का काम पूरा होने के साथ ही सीधे जम्मू से श्रीनगर के लिए रेलगाड़ी चलेगी। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) स्टेशन से रवाना होगी। उधमपुर-बनिहाल-श्रीनगर रेल खंड पर इन दोनों ट्रेनों का कमर्शियल संचालन सात जून से शुरू होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों ट्रेनों में एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बे लगाए गए हैं।
चेयर कार का किराया 715 रुपये निर्धारित
रेलवे ने सभी शुल्कों सहित श्रीनगर से कटरा के बीच चेयर कार का किराया 715 रुपये निर्धारित किया है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपये निर्धारित किया गया है। दोनों नई वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल चार वंदे भारत ट्रेनें चलने लगेंगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में दो वंदे भारत ट्रेनें नई दिल्ली से कटड़ा के बीच चल रही हैं। कश्मीर तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का कई स्टेशनों पर ठहराव होगा। इनमें दिल्ली, अंबाला छावनी, लुधियाना जंक्शन, पठानकोट छावनी, जम्मू तवी, श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) यात्रियों के ट्रांसशिपमेंट के बाद, रियासी बनिहाल कांजीगुंड, अनंतनाग और श्रीनगर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च पुल का लोकार्पण
जिला रिसासी के कौड़ी बक्कल क्षेत्र में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे के आर्च पुल के पास तीन मंजिला संग्रहालय भी बनाया गया है।इसके दो मंजिल में रेलवे परियोजना की चुनौतियों और इंजीनियरिंग की बेजोड़ मिसाल देखने को मिलेगी, जबकि तीसरी मंजिल पर व्यू प्वाइंट के साथ ही रेस्तरां की सुविधा भी होगी। यहां से पर्यटक खाने-पीने का आनंद उठाने के साथ ही इस पुल से गुजरते समय आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। संग्रहालय में पर्यटकों को कश्मीरी कला और कारीगरी की हैरान कर देने वाली बारीकियां और नमूने देखने को मिलेंगे। हाथों से लकड़ी पर उकेरी गई आकर्षक आकृतियों में देवदार और अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा कश्मीर के डल झील की हाउस बोट जैसे डिजाइन भी इस संग्रहालय की शान बढ़ाएंगे।
विपरीत परिस्थितियों के बीच निर्माण
रेलवे के अनुसार पर्यटक जब इस संग्रहालय में आएंगे, तो यहां प्रदर्शित मॉडलों से वह जान सकेंगे कि इस परियोजना में कितनी विपरीत परिस्थितियां तथा चुनौतियां आईं और उनसे पार पाने में कैसे-कैसे इंजीनियरिंग के चमत्कार हुए। चिनाब और घाटी की गहराई से आकाश जैसी ऊंचाई तक इंजीनियरों ने विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल बना दिया। इसकी तस्वीरें और आंकड़े भी पर्यटकों को इस संग्रहालय में देखने को मिलेंगे। अंजी नदी पर बने देश के पहले केबल स्टे पुल के निर्माण में आई चुनौतियां और निर्माण के बाद उसकी मजबूती तथा अन्य विशेषताएं भी पर्यटक जान सकेंगे।