जगद्गुरु रामभद्राचार्य कहने पर उनके शिष्य और सुरक्षा कर्मी ने अपनी जान पर बाजी लगा दी। दोनों ने हरिद्वार में गंगा नदी में बह रहे छह लोगों की जान बचाई। यह सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। इसकी जानकारी पर चित्रकूट समेत देश भर के उनके अनुयायियों में उनके प्रति और आस्था बढ़ गई।
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बताते चलें कि सोमवती अमावस्या के अवसर पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य हरिद्वार गये हुए थे। गंगा में स्नान के बाद गंगा किनारे वह जप के लिए बैठे हुए थे। इसी दौरान करुण स्वर में एक व्यक्ति कह रहा था कि सब डूब गये। यह सुन जगद्गुरु ने शिष्यों से हर संभव मदद की बात कही। जगद्गुरु के मुख से यह शब्द निकलते ही शिष्य आचार्य हिमांशु त्रिपाठी और सुरक्षा कर्मी सचिन दुबे अपनी जान पर बाजी लगाकर गंगा में छलांग लगा दी। दोनों ने अथक प्रयास करके सभी छह लोगों की जान बचाकर गंगा किनारे लाये। यह दृश्य देखकर वहां पर मौजूद भक्त दंग रह गये और रामभद्राचार्य की जय जयकार करने लगे। प्रसन्नता में गुरुदेव ने दोनों को 1500-1500 रुपये का पुरस्कार भी दिया।
वहीं जैसे ही यह जानकारी उनकी कर्मस्थली चित्रकूट पहुंची तो उनके अनुयायियों में चर्चा का विषय बन गया। अनुयायियों ने कहा कि वह भगवान के अवतार हैं। जहां भी रहेंगे उस जगह कुछ गलत हो ही नहीं सकता। उन्ही के आर्शीवाद से एक परिवार के छह सदस्यों की जान बच सकी।
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