इंडिगो के चालक दल के सदस्यों ने एयर इंडिया की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बीमार होने का बहाना बनाया और छुट्टी ली। इसका इंडिगो की घरेलू उड़ानों पर सीधा प्रभाव पड़ा। इस कारण 2 जून को इंडिगो की 55 प्रतिशत उड़ानों में देर हुई। फिलहाल डीजीसीए मामले की जांच करेगा।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के प्रमुख अरुण कुमार ने इस मामले में कहा कि जानकारी मांगी जा रही है। एयर इंडिया की भर्ती प्रक्रिया का दूसरा चरण 2 जून को आयोजित की गई थी। इंडिगो के ज्यादातर पायलट बीमारी की छुट्टी लेकर एयर इंडिया में भर्ती के लिए गए थे। इस वजह से कई उड़ानें करीब एक घंटे की देरी से चलीं। इंडिगो वर्तमान में रोजाना लगभग 1,600 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है। इस बारे में जब इंडिगो से पूछा गया तो कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया।
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सेवा में सुधार की योजना
इस साल 27 जनवरी को टाटा समूह ने एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। अब एयर इंडिया ने नए क्रू मेंबर्स के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। एयर इंडिया की योजना नए विमान खरीदने और अपनी सेवा में सुधार करने की है।
इंडिगो की उड़ानें प्रभावित
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 2जुलाई को इंडिगो के 45.2 प्रतिशत विमानों ने समय पर उड़ान भरी, जबकि एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट और एयर एशिया इंडिया ने क्रमश: 77.1 फीसदी, 80.4 फीसदी, 86.3 फीसदी, 88 फीसदी और 92.3 फीसदी उड़ानें समय पर भरीं।