Dr. Srinivas Mukkamala: भारतीय मूल के डॉ. श्रीनिवास मुक्कामाला ने अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में हासिल किया यह बड़ा पद

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, हयात रीजेंसी शिकागो में 10 जून की रात समारोहपूर्वक समारोह में श्रीनिवास मुक्कमाला ने 180वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

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अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (American Medical Association) के 178 साल के इतिहास (History) में पहली बार संगठन की कमान एक भारतीय मूल (Indian Origin) के व्यक्ति ने संभाल ली। डॉ. श्रीनिवास मुक्कमाला (Dr. Srinivas Mukkamala) को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का अध्यक्ष (President) चुना गया है। उन्हें लोग प्यार से बॉबी मुक्कमाला कहते हैं। वो एमडी होने के साथ बेहतरीन ओटोलरींगोलॉजिस्ट हैं।

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, हयात रीजेंसी शिकागो में 10 जून की रात समारोहपूर्वक समारोह में श्रीनिवास मुक्कमाला ने 180वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए भावुक क्षण हैं। वह इसे व्यक्त नहीं कर सकते। बस यह दिल को छू लेने वाला और विस्मयकारी अवसर है।

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पिछले साल नवंबर में 53 वर्षीय डॉ. बॉबी मुक्कमला के मस्तिष्क के बाएं ओर 8-सेमी टेम्पोरल लोब ट्यूमर का पता चला। तीन सप्ताह बाद उनकी सर्जरी हुई। ट्यूमर का 90 प्रतिशत हिस्सा हटाया गया। विकिरण और कीमोथेरेपी से बचने में इसने मदद की। उनके चिकित्सकों ने संकेत दिया कि वह 20 साल तक जीवित रह सकते हैं। डॉ. बॉबी दो बच्चों के पिता हैं।

उन्होंने इस अवसर पर अपनी सर्जरी के पलों को याद किया। भारतीय मूल के डॉ. मुक्कमला ने कहा, ” मैं आज रात यहां कुशल चिकित्सकों की प्रतिभा के कारण हूं। इसमें मेरे परिवार और दोस्तों का चिरस्थायी प्यार और धैर्य शामिल है। हो सकता है हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अभी भी खामियां हों। उसके बावजूद उसमें बहुत अच्छाइयां हैं। इसलिए मैं आपके सामने जीवित खड़ा हूं। मेरे जैसे लोगों के लिए अभी भी दुनिया में अमेरिकी चिकित्सा सबसे अच्छी है।

डॉ. मुक्कमला परिवार के साथ मिशिगन के फ्लिंट में रहते हैं। उन्होंने कई दशक गरीब लोगों का मुफ्त इलाज किया है। उन्होंने कहा कि फ्लिंट अमेरिकी चिकित्सा में सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों का प्रतीक है। उनकी पत्नी नीता कुलकर्णी प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. मुक्कमला ने कहा कि फ्लिंट में जीवन प्रत्याशा आसपास के उपनगरों की तुलना में लगभग 12 वर्ष कम है। वह फ्लिंट में ऐसे रोगियों को देखते हैं, जो रोग विशेषज्ञ से मिलने के लिए महीनों तक इंतजार करते हैं।

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