युद्ध में बलिदान होने वाले सैनिकों के बच्चों का बढ़ा भरण पोषण भत्ता, सम्मेलन में लिए गए कई अहम फैसले

सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में फैसला लिया गया कि युद्ध के दौरान शारीरिक रूप से हताहत हो जाने वाले सैनिकों की पैरालंपिक स्पर्धाओं के लिए पहचान करके उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

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Indian Army commanders conference
सैनिकों के बच्चों का बढ़ा भरण पोषण भत्ता

अब देश की सेवा करते हुए बलिदान होने वाले सैनिकों के बच्चों की देखभाल और भरण पोषण के लिए दोगुना भत्ता मिलेगा। यह फैसला सेना कमांडरों के सम्मेलन में लिया गया है। इसके अलावा भविष्य में सेना को आकार देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। युद्ध के दौरान शारीरिक रूप से हताहत होने वाले सैनिकों को पैरालंपिक स्पर्धाओं के लिए नौ खेलों में प्रशिक्षित करने का निर्णय किया गया है।

सैनिकों को पैरालंपिक स्पर्धाओं के लिए किया जाएगा प्रशिक्षित
सेना के कमांडरों का सम्मेलन 17-21 अप्रैल के बीच पहली बार हाइब्रिड मॉडल में किया गया, जिसमें व्यापक रूप से रणनीतिक, प्रशिक्षण, मानव संसाधन विकास तथा प्रशासनिक पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में फैसला लिया गया कि युद्ध के दौरान शारीरिक रूप से हताहत हो जाने वाले सैनिकों की पैरालंपिक स्पर्धाओं के लिए पहचान करके उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें नौ खेल प्रतिस्पर्धाओं में आर्मी स्पोर्ट्स और मिशन ओलंपिक नोड्स में प्रशिक्षित करने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा युद्ध के दौरान बलिदान होने वाले सैनिकों के सक्षम बच्चों को एजीआईएफ के माध्यम से भरण पोषण भत्ते को दोगुना कर देने का निर्णय लिया गया।

सपोर्ट विंग्स को संचालित करने का निर्णय
शीर्ष नेतृत्व ने अन्य सेवाओं तथा सरकारी एजेंसियों के साथ तालमेल को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की भी पहचान की। सम्मेलन के दौरान सैन्य टुकड़ियों तथा पूर्व सैनिकों के लिए कई कल्याणकारी उपायों और पहलों को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया। फोरम ने नेटवर्क की सुरक्षा के लिए आवश्यकता की समीक्षा की और तत्काल भविष्य में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स को संचालित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा सेना को प्रभावी और घातक लड़ाकू बल बनाये रखने के लिए अवसंरचना, समय और संसाधनों को इष्टतम बनाने के लिए प्रशिक्षण पहलों पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया।

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नए थल सेना भवन के निर्माण कार्य पर चर्चा
दिल्ली कैंट में नए थल सेना भवन के निर्माण कार्य पर भी कमांडरों के सम्मेलन में चर्चा हुई। 2025 में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इससे न केवल कार्यालय के लिए स्थान की कमी पर ध्यान दिया जा सकेगा, बल्कि सभी निदेशालयों के एक छत के नीचे आने पर सेना मुख्यालय की कार्यात्मक दक्षता भी बढ़ेगी। इस अत्याधुनिक भवन में प्रौद्योगिकी के लिहाज से उन्नत वास्तुकला शामिल होगी।

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