विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ ) के 12 वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 14 जून को खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्टाक होल्डिंग का मुद्दा उठाया। गोयल ने पूछा-‘ आखिर विश्व व्यापार संगठन की कोशिशों के बावजूद खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्टाकहोल्डिंग का कोई समाधान क्यों नहीं हो पा रहा।’ गोयल ने कहा- ‘डब्ल्यूटीओ व्यापार के लिए संगठन है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि व्यापार से पहले भूख आती है और कोई खाली पेट व्यापार के रास्ते पर नहीं चल सकता।’
खाद्य सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है। इसका दुनिया के लाखों लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। विकासशील देशों में अधिकांश किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए कृषि केवल आजीविका का एक स्रोत नहीं है। यह उनकी खाद्य सुरक्षा, उनके पोषण और एक अर्थ में विकासशील देशों और बड़े पैमाने पर लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। हाल के खाद्य संकट, कोविड-19 और वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति दोनों के कारण कई देश गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- ‘मिस्र और श्रीलंका के मेरे दोस्तों ने कल इस बारे में बात की। हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या मसौदा घोषणाओं और विचाराधीन निर्णयों से उनके देशों में खाद्य उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी। वास्तव में ये दोनों सदस्य खाद्य सुरक्षा घोषणा के मसौदे पर सहमत नहीं हैं, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक स्टाकहोल्डिंग मुद्दे के तत्काल स्थायी समाधान का आह्वान किया है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया ऐसी स्थिति में है, जहां अस्थायी घोषणाओं से देशों को मदद नहीं मिल रही है बल्कि नौ साल से अधिक समय से लंबित पब्लिक स्टाक होल्डिंग का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को भोजन की कमी वाले देश से बड़े पैमाने पर आत्मनिर्भर खाद्य राष्ट्र में स्थानांतरित करने का अनुभव रहा है। सब्सिडी और अन्य सरकारी हस्तक्षेप के रूप में हमारे राज्य के समर्थन ने इस पर्याप्तता को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए हम एलडीसी सहित सभी विकासशील देशों की ओर से सामूहिक रूप से अपनी यात्रा, अपने अनुभव के आधार पर लड़ रहे हैं।
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