मानव विकास सूचकांक में गोता!

भारत, मानव विकास सूचकांक में एक पायदान खिसक गया है। 2018 में भारत 189 देशों में 130वें स्थान पर था, जिससे खिसक कर अब 131वें पायदान पर आ गया है। इसमें देश की उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक (कंपोजिट इंडीकेटर) के अनुसार नापा जाता है।

117

मानव विकास सूचकांक 2020 में देश एक पायदान खिसक गया है। इसमें कुल 189 देशों की गणना की गई है। जो यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत किया गया है।

भारत, मानव विकास सूचकांक में एक पायदान खिसक गया है। 2018 में भारत 189 देशों में 130वें स्थान पर था, जिससे खिसक कर अब 131वें पायदान पर आ गया है। इसमें देश की उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक (कंपोजिट इंडीकेटर) के अनुसार नापा जाता है। जिसमें देश के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों के विकास को 0 से 1 के बीच अंक दिया जाता है। इस कार्य को यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत किया जाता है।

क्या है इस रिपोर्ट में?

  • भारत में लाइफ एक्सपेकटेंसी (जीवन प्रत्याशा) 2019 के जन्म के अनुसार 69.7 प्रतिशत है। जबकि बांग्लादेश में ये 72.6 है। इस रिपोर्ट में नार्वे टॉप पर है उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड आता है।
  • क्रय शक्ति क्षमता के अनुसार भी भारत 2018 के मुकाबले नीचे आया है। 2018 में देश की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 अमेरिकी डॉलर थी जो 2019 में गिरकर 6,681 अमेरिकन डॉलर हो गई है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार कंबोडिया, भारत और थाइलैंड के बच्चों में कुपोषण अधिक देखने को मिला है। इसका कारण परिजनों का व्यवहार और बालिकाओं के प्रति उनके खर्च में कमी के कारण कुपोषण बढ़ा है।
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.