देश भर में हर दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और यह दर बढ़ रही है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा, शारीरिक शोषण और यौन शोषण की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर तीन में से एक महिला शारीरिक या यौन शोषण की शिकार है। स्टैट्स ऑफ इंडिया ने चौंकाने वाले और डराने वाले इस आंकड़े का खुलासा किया है।
कई मामलों में इस तरह के अपराध में पति या परिवार का पुरुष सदस्य महिला के साथ यौनाचार करता है। एनएफएचएस-5 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार 62 हजार 381 महिलाओं पर किए गए शोध के आधार पर स्टैट्स ऑफ इंडिया ने यह डेटा प्रकाशित किया है। डेटा के अनुसार, भारत में तीन में से एक महिला अपने पति द्वारा शारीरिक या यौन शोषण का शिकार होती है। दिलचस्प बात यह है कि यह भी पता चला है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के खिलाफ वैवाहिक हिंसा की दर अधिक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा अधिक
शहरी क्षेत्रों में 24 प्रतिशत महिलाएं अपने पति की हिंसा का सामना करती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 32 प्रतिशत महिलाएं इस हिंसा का सामना करती हैं। वहीं, इन आंकड़ों में छह राज्य महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इन छह राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की दर में वृद्धि हुई है। इन छह राज्यों में, 18 से 49 वर्ष के बीच की विवाहित महिलाओं ने अपने पतियों द्वारा शारीरिक या यौन शोषण की सूचना दी। इन छह राज्यों में कर्नाटक राज्य पहले स्थान पर है।
महिला हिंसा के आंकड़े
कर्नाटक- 44 प्रतिशत
बिहार- 40 प्रतिशत
मणिपुर- 40 प्रतिशत
तमिलनाडु- 38 प्रतिशत
तेलंगाना- 37 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश- 35 प्रतिशत
70 प्रतिशत महिलाओं को शराब पीकर पिटाई
आंकड़ों के अनुसार, 70 प्रतिशत महिलाओं को उनके पति शराब पीने के बाद पीटते हैं। 23 प्रतिशत महिलाओं को उनके पतियों ने बिना शराब पिए भी पिटता है। यानी नशा ही हिंसा का अकेला कारण नहीं है। इतना ही नहीं, 77 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया या किसी से मदद नहीं मांगीं।