महान क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की पुण्य तिथि पर विशेषः जिस दिन फांसी, उस सुबह भी व्यायाम

बंगाल (अब बांग्लादेश) के पबना जिले के मड़यां (मोहनपुर) गांव में 29 जून 1901 को पैदा हुए राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने देश की स्वतंत्रता के लिए महज 26 साल की उम्र में फांसी का फंदा चूम लिया।

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महान युवा क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को काकोरी कांड में संलिप्तता का दोषी करार देते हुए ब्रितानी हुकूमत ने निर्धारित तारीख से भी दो दिन पहले 17 दिसम्बर 1927 को गोंडा के जिला कारागार में फांसी दे दी।

बंगाल (अब बांग्लादेश) के पबना जिले के मड़यां (मोहनपुर) गांव में 29 जून 1901 को पैदा हुए राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने देश की स्वतंत्रता के लिए महज 26 साल की उम्र में फांसी का फंदा चूम लिया। उनका आखिरी संदेश था- ‘मैं मर नहीं रहा हूं, बल्कि स्वतंत्र भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूं।’

इस युवा क्रांतिकारी ने कितनी निर्भीकता के साथ देश के लिए अपने प्राण की आहुति दी, उसकी एक और बानगी। 17 दिसम्बर को उन्हें फांसी दी जानी थी। फांसी की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयीं, लेकिन उस सुबह भी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को बैरक में व्यायाम करते देख जेलर ने हैरानी से पूछा कि जब कुछ घंटे में प्राण जाने वाले हो तो इंसान के लिए व्यायाम का क्या मतलब रह जाता है।

मैं हिंदू हूं और…
लाहिड़ी ने कहा कि ‘जेलर साहब, मैं हिंदू हूं और पुनर्जन्म में मेरी अटूट आस्था है, इसलिए अगले जन्म में मैं स्वस्थ शरीर के साथ ही पैदा होना चाहता हूं ताकि अधूरे कार्यों को पूरा कर देश को स्वतंत्र करा सकूं। इसलिए मैं रोज सुबह व्यायाम करता हूं। आज मेरे जीवन का सर्वाधिक गौरवशाली दिन है तो यह क्रम मैं कैसे तोड़ सकता हूं।’ ये घटनाएं गोंडा जिला जेल के फांसी गृह में लाहिड़ी जीवनवृत्त शिलापट्ट पर अंकित हैं।

देशभक्ति का जज्बा विरासत में मिला था
देश की आजादी के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा उन्हें अपने पिता और चाचा से विरासत में मिला था। वे महज 9 साल की उम्र में वाराणसी में अपने मामा के घर आ गए, जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। जिस समय उन्हें काकोरी कांड में अभियुक्त बनाया गया, वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एमए प्रथम वर्ष के छात्र थे। काकोरी कांड में राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को एक साथ फांसी की सजा सुनायी गयी थी।

अन्य अहम घटनाएंः

1869ः क्रांतिकारी लेखक और इतिहासकार सखाराम गणेश देउसकर का जन्म।

1905ः भारत के प्रथम मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्लाह का जन्म। वे भारत के पहले कार्यवाहक राष्ट्रपति थे।

1920ः राजस्थान के सातवें मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी का जन्म।

1955ः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार का जन्म।

1959ः भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी भोगराजू पट्टाभि सीतारमैया का निधन।

1972ः फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम का जन्म।

2019ः भारतीय सिनेमा और रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार डॉ. श्रीराम लागू का निधन।

2020ः दिल्ली घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक इकबाल अहमद खान का निधन।

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