मैकडॉनल्ड्स, केएफसी, बर्गर किंग, पिज्जा हट जैसी मशहूर कंपनियां हिंदू, जैन, सिख जैसे गैर-मुस्लिम समुदाय को ‘हलाल’ का भोज्य पदार्थ बेच रही हैं। इसको लेकर हिंदू संगठनों का स्पष्ट पक्ष है कि, देश में 15 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लिए 80 प्रतिशत हिंदू समुदाय पर हलाल उत्पादों को थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस अघोषित हलाल सख्ती के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति समेत हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से दादर रेल्वे स्टेशन के पास, वाशी सेक्टर 17 के ‘मैकडोनाल्ड’के सामने और पनवेल में ओरीऑन मॉल के पास ‘हलाल मुक्त दिवाली’ का आंदोलन किया। इस दौरान आंदोलन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधिओं ने हाथों में संदेश छपी तख्तियां ले रखी थी। इन स्थानों पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जो एकट्ठा करके सरकार को सौंपा जाएगा।
पिछले कुछ समय से भारत में ‘हलाल’ उत्पादों की मांग हो रही है और हिंदू व्यापारियों को व्यापार करने के लिए ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेना पड़ता है। पहले ‘हलाल’ की अवधारणा मांसाहारी उत्पादों और मुस्लिम देशों को निर्यात तक सीमित थी। लेकिन अब भारत में विभिन्न उत्पादों जैसे चीनी, तेल, आटा, चॉकलेट, मिठाई, सौंदर्य प्रसाधन, दवाएं आदि को ‘हलाल प्रमाणित’ मिलना शुरू हो गया है।
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जब भारत सरकार के आधिकारिक संगठन ‘एफएसएसएआई’ और ‘एफडीए’ उत्पादों को प्रमाणित कर रहे हैं तो एक अलग ‘हलाल प्रमाणीकरण’ की क्या आवश्यकता है? क्या हिंदुओं को धर्म की स्वतंत्रता नहीं है? उपभोक्ताओं के रूप में अधिकार नहीं है? भारत को धर्मनिरपेक्ष कहना और धर्म के आधार पर उत्पादों का इस्लामी प्रमाणन थोपना क्या है? यह प्रश्न इस समय उपस्थित किए गये साथ ही हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंकी ओर से ‘हलाल मुक्त दिवाली’ मनाने का आवाहन किया गया।
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