हिंदू धर्म में लौट रहे लोग, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ईसाई षड्यंत्र असफल

भारत में गरीब और परेशान लोगों को लालच के बल पर धर्मांतरित करने का षड्यंत्र धीरे-धीरे लोगों को पता चलने लगा है। इसका परिणाम है कि लोग अब अपने स्वर्धम में वापस होने लगे हैं।

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ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र की पोल जैसे जैसे खुल रही है लोग अपने स्वधर्म हिंदू धर्म में लौट रहे हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तुलसी पूजन दिवस को साढ़े तीन सौ लोग अपने मूल धर्म सनातन धर्म में वापस लौट आए। इसमें सामाजिक संगठनों का बड़ा योगदान रहा है।

उत्तर प्रदेश के बलुंदशहर में बीस परिवारों को सौ से अधिक लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की है। जबकि मध्य प्रदेश के दमोह में ढाई सौ से अधिक लोग हिंदू धर्म में वापस लौटे हैं। इन लोगों का कहना है कि, यह भटक गए थे, लेकिन शीघ्र ही उन्हें अपनी गलती का आभास हो गया। जिसके बाद अपने अंतरआत्मा की आवाज को सुनकर सभी ने घर वापसी की है।

हिंदू संगठनों को यश
विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय चेतना मिशन और बुलंदशहर की स्थानीय विधायक मिनाक्षी सिंह के संयुक्त प्रयत्नों से वाल्मीकि समाज के बीस परिवारों ने घर वापसी की। ये सभी ईसाई धर्म को स्वीकार कर चुके थे।
हिंदू धर्म में वापसी करनेवाले संदीप वाल्मीकि ने बताया कि, मैं येशू के शरण में अपने बच्चे के स्वास्थ्य के ठीक होने की लालच में ईसाई बन गया था। लेकिन जब मेरी मां की मृत्यु हुई तब हिंदू धर्म के अनुसार उनकी अंत्येष्टि करने के विरुद्ध ईसाई धर्म के लोगों ने हमें बाध्य किया। जबकि मां की अंतिम इच्छा थी कि, उसका अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के अनुसार हो। हिंदू धर्म में वापसी करनेवाले सौ लोगों को कालिंदी कुंज क्षेत्र में धर्म वापसी कराई गई। इसमें स्थानीय विधायक मीनाक्षी सिंह ने मालाएं पहनाकर सभी का स्वागत किया।

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बागेश्वर धाम का बड़ा काम
मध्य प्रदेश के दमोह में ढाई सौ लोगों ने घर वापसी की। इसके लिए बागेश्वर दाम के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री की उपस्थिती में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसके लिए शुद्धिकरण पूजन और हवन किया गया। गर वापसी करनेवालों ने बताया कि, वे भटक गए थे, अब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ है। इसलिए वे स्वधर्म में आ गए हैं।

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