हल्द्वानी में अतिक्रमण करने वालों की नहीं छिनेगी छत! इस तारीख को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह 50,000 लोगों को रातों-रात बाहर नहीं निकाला जा कसता है, क्योंकि यह एक मानवीय एंगल है।

109

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में अभी बुलडोजर नहीं चलेगा। रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि रातों-रात 50,000 लोगों को नहीं हटाया जा सकता है। इस मामले में मानवीय एंगल जुड़ा हुआ है। अब इस मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।

रेलवे और राज्य सरकार से मांगा जवाब
हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह 50,000 लोगों को रातों-रात बाहर नहीं निकाला जा कसता है, क्योंकि यह एक मानवीय एंगल है। यह लोग यहां 60 साल से रह रहे हैं। ये लोग सात दिन में जमीन कैसे खाली करेंगे? इसके लिए कोई व्यवहारिक समाधान ढूंढ़ना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे एंगल हैं जिन पर जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों के पुनर्वास पर भी विचार की बात कही है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

ये भी पढ़ें- विदेशी विश्वविद्यालयों को केवल ऑफलाइन कक्षाएं संचालित करने की अनुमति देगा यूजीसी, ये है वजह

उच्च न्यायालय ने दिया था अतिक्रमण हटाने का आदेश
उच्च न्यायालय ने पिछले साल 20 दिसंबर को हल्द्वानी में रेलवे की अतिक्रमण वाली जमीन को खाली कराने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने अतिक्रमण कर रहे रहें लोगों को नोटिस भेजा था, जिसमें इस स्थान को खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि सात दिन बाद रेलवे की जमीन पर किया गया अतिक्रमण हटाया जाएगा। बनभूलपुरा में रेलवे की कथित अतिक्रमित वाली जमीन पर धार्मिक स्थल, स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान और आवास हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.