कोविड योद्धाओं से कांप गए संक्रमित, प्रशासन भी लगा दौड़ने!

जंबो कोविड सेंटर ने कोरोना संक्रमितों की खाटों की समस्या का बड़े स्तर तक समाधान कर दिया। यहां एक समय में तीन हजार संक्रमित इलाज करा सकते हैं।

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मुंबई में कोविड 19 संक्रमितों के उपचार के लिए जंबो कोविड सेंटर बनाए गए हैं। ऐसा ही एक सेंटर नेस्को मैदान में है। जहां के कर्मचारियों ने शनिवार को अचानक काम बंद करके प्रदर्शन शुरू कर दिया। कोविड यो्दधाओं के इस व्यवहार से वहां उपचार ले रहे संक्रमित और उनके परिजन कांप गए तो वरिष्ठ अधिकारियों के पसीने छूट गए।

गोरेगांव क्षेत्र में पूर्वी द्रुतगति मार्ग के समानांतर जंबो कोविड सेंटर बना हुआ है। यहां पर कोविड संक्रमितों का इलाज और कोविड 19 सुरक्षा टीकाकरण भी किया जाता है। इस जंबो सेंटर में दो केंद्र बनाए गए हैं जिनकी क्षमता डेढ़-डे़ढ़ हजार की है। यानी यहां कुल तीन हजार मरीजों के उपचार की क्षमता है।

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इसलिए कर दिया आंदोलन
यहां काम करनेवाले कोरोना योद्धाओं को प्रशासन ने रहने के लिए उन्नत नगर में म्हाडा की रिक्त इमारत में स्थान दिया है। इस स्थान पर डॉक्टर, नर्स वॉर्ड ब्वॉय सभी रहते हैं। कुछ दिन पहले ही नेस्को दो का भी लोकार्पण हो गया है। जिसके बाद कर्मचारियों की संख्या अधिक हो गई। नए कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था प्रशासन ने उन्नत नगर में की है। ऐसे में कैटरिंग सेवा, सुरक्षा समेत अन्य सुविधाओं पर खर्च बढ़ने लगा था। जिसके बाद संतोष नगर में रहनेवाले कर्मचारियों को उन्नत नगर जाने के लिए कहा गया था। इस नाराज होकर सभी नर्स अन्य कर्मचारी सड़क पर उतर गए।

प्रशासन हरकत में मरीज पेशान
नर्सिंग और सहायक कर्मचारियों के इस आंदोलन से प्रशासन तुरंत हरकत में गया। अतिरिक्त मनपा आयुक्त सुरेश काकाणी ने सभी कर्मचारियों को पुराने स्थान पर रहने दिये जाने का आदेश दिया है। कर्मचारियों की समस्याओं का बातचीत से हल निकालने के लिए पी दक्षिण विभाग सहायक मनपा आयुक्त संतोष धोंडे ने स्थिति को जाकर संभाला।
अचानक काम बंद आंदोलन से मरीजों के भी जान पर बन आई। संक्रमित और परिवारजनों के बीच घबराहट का वातावरण निर्मित हो गया था।

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