जानिये, आखिर खाने-पीने की चीजों की सप्लाई के लिए क्यों किया गया एसी कोच का इस्तेमाल!

दक्षिण-पश्चिम रेलवे की हुबली डिवीडजन ने चाकलेट और खाने-पीने की अन्य सामग्री गोवा के वास्को डी गामा से दिल्ली पहुंचाने के लिए एसी कोच का इस्तेमाल किया।

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भारतीय रेल के एसी कोच में चॉकलेट और नूडल्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सप्लाई किया जना अपने आप में एक इतिहास है। अब से पहले एसी कोच में केवल यात्री ही सफर करते थे। लेकिन पहली बार रेलवे की हुबली डिवीजन ने इस तरह का प्रयोग किया है।

दरअस्ल दक्षिण-पश्चिम रेलवे की हुबली डिवीडजन ने चाकलेट और खाने-पीने की अन्य सामग्री गोवा के वास्को डी गामा से दिल्ली पहुंचाने के लिए एसी कोच का इस्तेमाल किया। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि एक खास तापमान के बाद चॉकलेट के पिघलने का खतरा रहता है। इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए एक खास तापमान मेंटेन करना जरुरी था। इसलिए रेलवे ने इसके लिए एसी कोच का इस्तेमाल किया।

12.83 लाख रुपए की कमाई
ध्यान देने वाली बात यह है कि जो सामग्री दिल्ली पहुंचाई गईं, उनका वजन 163 टन था। इन सभी को रेलवे के 18 एसी कोच में वास्को डी गामा रेलवे स्टेशन से कोच में लोड किया गया था। यह सामान एवीजी लॉजिस्टिक का था। ये पार्सल ट्रेन करीब 2115 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली पहुंची। रेलवे ने इस सेवा के लिए 12.83 लाख की कमाई की।

कम खर्चीला और सुरक्षित
परंपरागत तरीके से अलग सोच रखकर हुबली डिवीजन की बिजनसे डेवलपमेंट यूनिट ने इस मिशन को अंजाम दिया। हुबली डिवीजन के रेलवे मैनेजर अरविंद मालखेड़े ने इस बारे में बताते हुए कहा कि रेलवे अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उपयोग लोग इसलिए भी ज्यादा करते हैं, क्योकि यह कम खर्चीला और सुरक्षित है। उनके इस प्रयास की सरहाना की जा रही है। भविष्य में इस तरह के प्रयोग बढ़ सकते हैं। अक्टूबर 2020 से अब तक इस डिवीजन ने पार्सल ट्रांसपोर्ट से एक करोड़ से अधिक की कमाई की है।

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