श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर के अब तक के निर्माण कार्य को संतोषजनक बताया है। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के पहले तल का निर्माण कार्य अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। उसके बाद दिसंबर या अगले साल के मकर संक्रांति तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुभ मुहूर्त में की जाएगी। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
बाल स्वरूप में तैयार होगी रामलला की मूर्ति
महासचिव चम्पत राय ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। तय समय अक्टूबर, 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद 2024 के मकर संक्रांति तक या उससे पहले रामलला की मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रामलला की मूर्ति पांच वर्ष से सात वर्ष के बीच के बालक स्वरूप में तैयार होगी। यह 8.5 फुट लंबी होगी। अयोध्या में भगवान राम की पूजा बालक रूप में होती है।
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भू-तल पर बनेंगे पांच मंडप
उन्होंने बताया कि मूर्ति के लिए ऐसे पत्थर का चयन किया जाएगा जो आकाश के रंग का हो यानी आसमानी रंग का हो। इसके साथ ही महाराष्ट्र और ओडिशा के मूर्तिकला के विद्वानों ने आश्वासन दिया है कि ऐसा पत्थर उनके पास उपलब्ध है। ओडिशा के मूर्तिकार सुदर्शन साहू एवं वासुदेव कामत और कर्नाटक के रमैया वाडेकर रामलला की मूर्ति बनाएंगे। मूर्तिकारों से मूर्ति की आकृति तैयार करने को कहा गया है। चम्पत राय ने बताया कि गर्भ गृह की दीवार, खंभों, फर्श पर मकराना का मार्बल लगेगा। मंदिर के भू-तल पर पांच मंडप तैयार किये जा रहे हैं। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, निर्माण कार्य में लगे प्रमुख इंजीनियर समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।