अग्नितांडव जारी है… अब फैशन स्ट्रीट हुआ स्वाहा

महाराष्ट्र के लिए लगातार दूसरा दिन अग्नितांडव का रहा। भांडुप के सनराइज अस्पताल में लगी आग में 11 मरीजों की जान लीलने के बाद अगले ही दिन आग ने पुणे में तबाही मचा दी।

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महाराष्ट्र में लगातार दूसरी रात अग्नितांडव ने आतंक मचा दिया। पुणे शहर के महात्मा गांधी रोड पर स्थित फैशन स्ट्रीट शुक्रवार की रात स्वाहा हो गया। इसमें लगभग 400 दुकानें जल गईं। यह शहर के सैन्य क्षेत्र में आता है।

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रात लगभग 11 बजे के आसपास पुणे के फैशन स्ट्रीट परिसर में आग लगी थी। देखते ही देखते इस आग ने विकराल रूप ले लिया। इस अग्निकांड की जानकारी मिलते ही सेना के अग्निशमन विभाग और पुणे महानगर पालिका के दमकल विभाग ने घटनास्थल पर पहुंचकर अग्निशमन का कार्य शुरू किया।

इस आग को बुझाने में लगभग ढाई घंटे का समय लगा। जबकि, कूलिंग का कार्य सुबह तक चलता रहा। इस आग में फैशन स्ट्रीट की सभी दुकानें जलकर राख हो गई हैं।

फायर ऑडिट में चेतावनी
यह क्षेत्र पुणे केन्टोनमेन्ट (सैन्य) में आता है। इसका कुछ समय पहले ही पुणे केन्टोनमेन्ट बोर्ड और पुणे महानगर पालिका के अग्निशमन विभाग ने एक फायर ऑडिट किया था। जिसमें अग्नि सुरक्षा को लेकर चेतावनी दी गई थी। इसके पश्चात केन्टोनमेन्ट बोर्ड ने यहां के गाला धारकों पर कार्रवाई भी की थी। लेकिन इस बीच फैशन स्ट्रीट के गाला धारकों ने न्यायालय में याचिका कर दी। जिसके कारण यह कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।

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सड़क किनारे हैं छोटी-छोटी दुकानें
शहर का फैशन स्ट्रीट फैशन का शौक रखनेवालों के लिए संगम है। यहां कुर्ती, जीन्स, चप्पल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खिलौने आदि अच्छी कीमत में मिल जाते हैं। यह बाजार एक तरह से सभी सामानों का एकमात्र स्थान है।
यहां पर कीमतों को लेकर भाव-ताव करनेवाले अच्छे कीमतों में सामान खरीद लेते हैं। बड़े ब्राण्ड के अनुसार यहां फर्स्ट कॉपी या मिलते जुलते दूसरे नामों के सामान यहां बहुतायत हैं।

भांडुप अस्पताल की आग में 11 की मौत
मुंबई के भांडुप में लगी आग अब ठंडी हो गई है। लेकिन इसके पहले ग्यारह घरों में चिताएं जलाती गई। यहां के सनराइज अस्पताल में गुरुवार रात 12.30 बजे के लगभग आग लगी थी। यह अस्पताल ड्रीम्ज मॉल में स्थित है। जहां कोविड-19 के संक्रमितों का उपचार चल रहा था। लेकिन आग की घटना के माध्यम से महामारी के मारों को आपदा ने भी अपनी चपेट में ले लिया। इस प्रक्रिया में जो रोगी वेंटिलेटर पर थे या तलने में असमर्थ थे वे निकल भागने में असफल रहे और उनकी करुण मौत हो गई।

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