‘संजय’ की वह बात रोक लेती अग्नितांडव!

भांडुप के ड्रीम मॉल में स्थित सनराइज अस्पताल की घटना के बाद इसके निर्माण में नियमों की विसंगतियों को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। इसके अलावा अस्पताल को मनपा के विभिन्न विभागों द्वारा जारी की गई एनओसी और सेफ्टी ऑडिट को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।

91

भांडुप में आफत के सनराइज अस्पताल की सुरक्षा को लेकर संजय दीना पाटील पहले से ही चिंतित थे। उन्होंने इस विषय में मुंबई मनपा से लिखित शिकायत भी की थी। अब इस दुर्घटना के बाद राजनीतिक बयानबजानी तेज हो गई है। मॉल की इमारत में अस्पताल होना अपने आप में चिंता का विषय है। ऐसे में वाधवा बिल्डर्स द्वारा निर्मित इस इमारत को कैसे ओसी मिली और अवैध निर्माण को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।

सनराइज अस्पताल को मुंबई मनपा के अलग-अलग विभागों ने किस आधार पर अनुमतियां प्रदान की हैं यह चिंता का विषय है। पूर्व सांसद संजय दीना पाटील की शिकायत पर दिये गए उत्तर में ये साफ किया गया है कि अस्पताल के तीसरे मजले को आंशिक निवासी प्रमाणपत्र (ओक्यूपेशन सर्टिफिकेट) दिया गया था।

ये भी पढ़ें – अग्नि तांडव! 10 लोगों की मौत,कई घायल

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भांडुप के अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने सनराइज अस्पताल में मृत हुए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के इलाज के लिए जिन निजी अस्पतालों को प्रमाणित किया गया है उनका सेफ्टी ऑडिट किए जाने की घोषणा भी की है।

भांडुप के सनराइज अस्पताल का पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दौरा किया। उन्होंने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट न किये जाने पर प्रश्न उठाया है।

ये भी पढ़ें – पुणेकरों को ‘दादा’ का अल्टीमेटम!

इस प्रकरण में कांदीवली से विधायक और मुंबई मनपा के प्रभारी अतुल भातखलकर ने ड्रीम मॉल के तीसरे मजले को अवैध बताया है। उन्होंने मनपा प्रशासन पर अस्पताल की मंजूरी देने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.