जिले में 12 जून को जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे की बीमार गाय के लिए सात डॉक्टरों की टीम का एक आदेश पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सात पशु चिकित्सकों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई है। टीम से प्रतिदिन एक डॉक्टर गाय की देखभाल करेगा और हर डॉक्टर अपनी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सौंपेगा।
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डॉक्टरों की ड्यूटी के लिए जारी आदेश पत्र
12 जून सुबह जैसे ही जिलाधिकारी की बीमार गाय के लिए डॉक्टरों की ड्यूटी के लिए जारी आदेश पत्र लोगों की जानकारी में आया वैसे ही वह पत्र सोशल मीडिया में जमकर वायरल होना शुरू हो गया। लोग तरह तरह की चर्चाएं और कमेंट करने लगे कि गौशालाओं की गायों की यही गुहार, ”काश! जिलाधिकारी साहिबा की गाय मैं भी होती” क्योंकि सरकार व प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी गौशालाओं की गायों की हालत किसी से छुपी नहीं है। अक्सर भोजन-पानी के अभाव और चिलचिलाती धूप में दम तोड़ती खबरें गौशालाओं की बदहाली को आईना दिखाती रहती हैं।
पशु डॉक्टरों को सीधे कार्रवाई की चेतावनी
बता दें कि विगत 09 जून को एक आदेश पत्र फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप कुमार तिवारी ने जारी किया है। उन्होंने पत्र में दिए गए कार्यों के प्रति शिथिलता बरतने पर पशु डॉक्टरों को सीधे कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि पत्र सामने आने के बाद इस मामले में जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे का कोई स्पष्टीकरण नहीं आया और न ही उनसे कोई सम्पर्क हो पा रहा है। वहीं आदेश पत्र जारी करने वाले मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संदीप कुमार तिवारी से भी 12 जून की छुट्टी होने से सम्पर्क नहीं हो पाया।
जारी आदेश-पत्र में है इनके नाम
जारी आदेश-पत्र में जिले के डॉ. मनीष अवस्थी पशु चिकित्सा अधिकारी भिटौरा, डॉ. भुवनेश कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी ऐरायां, डॉ. अनिल कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी उकाथू, डॉ. अजय कुमार दुबे पशु चिकित्सा अधिकारी गाज़ीपुर, डॉ. शिव स्वरूप पशु चिकित्सा अधिकारी मलवां, डॉ. प्रदीप कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी असोथर, डॉ. अतुल कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी हसवा को पत्र जारी कर देखभाल करने के लिए निर्देशित किया गया था।