उत्तर प्रदेश: हड़ताल पर बिजली कर्मचारी, आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित

शीर्ष प्रबंधन की मनमानी के चलते बिजलीकर्मियों को हड़ताल पर जाने पर बाध्य होना पड़ रहा है।

113

ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन से वार्ता विफल होने पर बिजली कर्मचारी 16 मार्च की रात दस बजे से 72 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर चले गये। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया। कार्य बहिष्कार में अधिशासी अभियंता, एसडीओ व अवर अभियंता सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल रहे। बिजली कर्मियों की हड़ताल से शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित रही।

… तो करेंगे जेल भरो आंदोलन
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलन को सफल बताया और दावा किया कि कार्य बहिष्कार पूरी तरह से प्रभावी रहा है। सभी साथी एकजुट हैं। निगम प्रबंधन ने आपूर्ति बहाल रखने का जो दावा किया था, उसमें सफलता नहीं मिली है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी बिजली कर्मी को गिरफ्तार किया गया तो हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन करेंगे। इसके पहले विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर पदाधिकारियों की अगुवाई में भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय परिसर में सभा किया।

ये भी पढ़ें- हैदराबाद: दफ्तर में मौजूद थे कर्मचारी तभी लग गई आग, चली गई इतने की जान

वक्ताओं ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्डइंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर उप्र के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में देश के सभी प्रांतो में लाखों बिजलीकर्मी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बार पुनः दोहराया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की मनमानी के चलते बिजलीकर्मियों को हड़ताल पर जाने पर बाध्य होना पड़ रहा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.