जोधपुरः 4 जून तक करना पड़ेगा पानी के लिए इंतजार, ये है कारण

सूर्यनगरी में पेयजल के हालात इस कदर संकट पूर्ण होगा जोधपुरवासियों ने सोचा भी नहीं होगा। इंदिरा नहर आने पर प्रतिदिन शहर में पेयजल की सप्लाई होती थी।

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जोधपुर प्रशासन ने वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट से सप्लाई का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है और पानी पर पहरा बिठा दिया है। सूर्यनगरी में पेयजल के हालात इस कदर संकट पूर्ण होगा जोधपुरवासियों ने सोचा भी नहीं होगा। इंदिरा नहर आने पर प्रतिदिन शहर में पेयजल की सप्लाई होती थी। मगर विभागीय खामियों का नतीजा शहर की जनता भुगत रही है। धीरे धीरे पेयजल सप्लाई दो तीन में एक बार होने लगी जोकि पिछले कई सालों से जारी है। शहर आधा प्यासा रहने लगा। अब हालात ऐसे हो गए है कि शहरवासियों को पानी के लिए तीन तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले दस पंद्रह साल से जोधपुर वासियों को प्रतिदिन पेयजल सप्लाई से महरूम होना पड़ा है।शहर में वाटर इमरजेंसी के हालात बन गए हैं। पानी का संकट गहरा गया है। नहरबंदी के कारण सप्लाई बाधित थी। क्लोजर की अवधि बढऩे से पंजाब से पानी में आने वक्त लगेगा। ऐसे में जोधपुर के स्टॉक में जितना पानी बचा है, उसी से काम चलाना पड़ेगा। पंजाब से पानी आने में 10 दिन लगेंगे यानि चार जून से पहले पानी आने की संभावना नहीं है। हालात देखते हुए जोधपुर प्रशासन ने वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट से सप्लाई का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है और पानी पर पहरा बिठा दिया है।

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60 दिन की नहर बंदी के कारण जोधपुर में सप्लाई के लिए पानी का स्टॉक बेहद संभल कर खर्च किया जा रहा था। अब पंजाब में नहर टूटने से पानी आने में दस दिन और लगेंगे। जोधपुर के पास अब दस दिन तक प्यास बुझाने लायक पानी भी नहीं है। अब जो पानी है, उसे संभलकर खर्च नहीं किया तो हालात विकट हो जाएंगे। पानी को लेकर बनी इमरजेंसी की स्थिति को लेकर प्रशासन भी सतर्क है।जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने शहर में संभावित पेयजल समस्याओं को देखते हुए वाटर सप्लाई मैनेजमेंट के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम गठित की है। इसके तहत शहर के फिल्टर प्लांट्स पर 24 घंटे पुलिस फोर्स तैनात रखने के निर्देश हैं। शहर के कायलाना, चौपासनी, तखतसागर और झालामंड फिल्टर प्लांट की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस तैनात है। हर प्लांट पर 4 से 5 सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। पहरे में पानी रहने से पानी की हर बूंद को संभाल के खर्च किया जाएगा।कायलाना व तख्तसागर झील पर पुलिस मुस्तैद है। फिल्टर प्लांटों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। पानी की बर्बादी करने वालों पर नगर निगम नजर रखेगा और जुर्माना लगाएगा। जिला कलेक्टर ने टीम के प्रभारी के रूप में अधिशासी अभियंता, मॉनिटरिंग जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जोधपुर अनिल पुरोहित को नियुक्त किया है। आदेशानुसार इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम नहरबंदी के दौरान वाटर सप्लाई और मैनेजमेंट को सुनिश्चित करेगी।

शहर में जहां जल संकट की स्थिति विकट है, वहां जिला प्रशासन ने टैंकर से पानी सप्लाई की व्यवस्था की है। इसके अलावा शहर में ऑटो टीपर से जल संकट के हालात और पानी बचाने के संदेश दिए जा रहे हैं। लोगों को आगाह किया जा रहा है और हालात में सब्र बनाए रखने की अपील की जा रही है। कुल मिला कर गहराए जल संकट से उबरने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।नहरबंदी की अवधि बढ़ने पर शहर में जलापूर्ति 48 घंटों के अंतराल के बजाय 72 घंटों के अंतराल पर की जाएगी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नगर सर्कल के अधीक्षण अभियंता जगदीश चंद्र व्यास ने बताया कि प्रस्तावित 60 दिनों की इंदिरा गांधी नहरबंदी 21 मई तक पूरी होनी थी। पर पंजाब में नहर टूटने और मरम्मत के काम के कारण अब नहरबंदी की अवधि आगे बढऩे की संभावना है। इसके चलते जोधपुर शहर के जलाशयों में पर्याप्त जल रखने के लिए शहर में आगामी शटडाउन हर दो दिन बाद किया जाएगा।

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