धर्मशालाः विदेशी परिंदों से गुलजार होने लगा पौंग जलाशय

प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से तीन प्रकार के पक्षी पौंग झील में आते हैं।

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सर्दियों की दस्तक के साथ ही कांगड़ा जिला के पौंग जलाशय में विदेशी परिंदों की बढ़ती तादाद ने वन्य प्राणी विंग को भी सर्तक कर दिया है। हजारों मील दूर विदेशों से सर्दियों के प्रवास के लिए पौंग जलाशय आने वाले इन परिंदों की सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती रहती है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणी विंग ने 15 टीमों का गठन किया है जो उनकी सुरक्षा को लेकर जगह-जगह तैनात की गई हैं। पौंग जलाशय की खाली जमीन में फसल बीजाई पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। पौंग जलाशय के खाली क्षेत्र में लोग गेहूं की अवैध खेती कर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करते हैं जो परिंदों के लिए जानलेवा साबित होते हैं। इसके अलावा कई बार स्थानीय लोग इनका शिकार भी करते हैं।

गौरतलब है कि सर्दियों में विदेशी परिंदे प्रदेश के जिला कांगड़ा के पौंग जलाशय में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में डेरा डालते हैं। सर्दियां समाप्त होते ही ये परिंदे अपने मूल निवास के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। पौंग जलाशय में नवंबर महीने से मार्च महीने तक अठखेलियां करते देखे जा सकते हैं।

खूबसूरती को देखने लायक
उधर पौंग जलाशय में प्रवासी पक्षियों और यहां की खूबसूरती को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां आते हैं। पौंग जलाशय के पश्चिम में शाम के वक्त डूबते हुए सूरज का नजारा और पीछे धौलाधार हिमालय की श्रृंखलाएं यहां की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं। स्थानीय निवासी भी विदेशी परिंदों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

साइबेरिया, चीन सहित तिब्बत के ठंडे इलाकों से पहुंचते है परिंदे
पौंग झील में आने वाले विदेशी परिंदे साइबेरिया, चीन सहित तिब्बत के ठंडे इलाकों से यहां प्रवास के लिए पंहुचते हैं। इनके आने का सिलसिला नवंबर की शुरुआत में आरंभ हो जाता है तथा मार्च में गर्मियों की दस्तक के साथ ही वापस लौट जाते हैं। इन दिनों प्रवासी परिंदों से पौंग जलाशय गुलजार है। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह विशेष आकर्षण का केंद्र रहते हैं।

तीन प्रकार के आते हैं परिंदे
प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से तीन प्रकार के पक्षी पौंग झील में आते हैं। प्रथम पानी के पक्षी जैसे की यूरेशियन कूट, ग्रेलैग गूज, उत्तरी सींखपर, छोटी मुर्गाबी इत्यादि एक बड़ी संख्या में दिखाई दे सकते हैं। प्रवास करने वाले सभी पक्षियों में सबसे ऊंचा उड़ने वाले पक्षी का स्थान लेने वाले बार-हेडेड गीज, प्रवासी पक्षियों में सबसे अधिक तादाद में आते हैं।

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