दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने कहा कि वक्फ बोर्ड 123 संपत्तियों के संबंध में केंद्र के फैसले के खिलाफ अलग से याचिका दायर करे।
वकील ने दी यह दलील
गौरतलब है कि केंद्र ने इन संपत्तियों का कब्जा लेने का फैसला लिया है, जिसका वक्फ बोर्ड विरोध कर रहा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने पहले से दायर याचिका में इस अर्जी को दाखिल कर अंतरिम राहत की मांग की थी। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार की ओर से आठ फरवरी को जारी उस पत्र को चुनौती दी है, जिसमें दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने की बात कही गई है।
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दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड की संपत्ति अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं है। वक्फ बोर्ड की ये संपत्तियां 1970, 1974, 1976 और 1984 के सर्वे में सीमांकित की गई थीं और राष्ट्रपति ने भी उस पर सहमति दी थी।
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