जब सब डरे, थमे और सहमे तो इन्होंने किया पराक्रम! ये हैं वाइरल हीरो

कोरोना से देश में त्राहिमाम है। हर ओर पीड़ा और परेशानी है ऐसे में सेवा करते चंद ऐसे लोग भी हैं जो अपनी सेवा, इलाज से लोगों का दर्द दूर करने में लगें है।

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कोरोना ने अच्छे-अच्छों को घर बिठा दिया, कई परिवारों ने अपनों को छोड़ दिया। इस कठिन काल में भी कई ऐसे कर्म योद्धा सामने आए जो न डरे न थमे भले ही जान क्यों न चली जाए… ऐसे कोरोना योद्धाओं से मिलें हिंदुस्थान पोस्ट में…

दिल्ली पुलिस के गोकुल पुरी थाने में तैनात हैं सहायक पुलिस निरिक्षक सुशील। जब परिवार ने 35 वर्ष के एक युवक सोनू के शव को कोविड 19 के संक्रमण के कारण परिवार ने लेने से इन्कार कर दिया तो सुशील सामने आए। उन्होंने इस युवक का शव लिया, निजी एंबुलेंस से उसे स्मशान घाट ले गए और उसे मुखाग्नि दी।

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने कमान संभाल ही है। वे यहां दिन रात कोविड 19 मरीजों के लिए बने केयर सेंटर में कार्य कर रहे हैं।

उनका व्यवहार अस्पताल में सबसे अच्छा था। पीड़ितों को उनमें अपनापन दिखता था अपने सहकर्मियों की परेशानियों को भी वे पूरी तरह समझती थीं। लेकिन क्षय रोग निर्मूलन की लड़ाई लड़ते हुए डॉ. मनीषा जाधव का मुकाबला इस बार कोरोना से हो गया। वे लड़ती रहीं अपने सहकर्मियों और मरीजों को बचाती रहीं लेकिन खुद इसके संक्रमण से नहीं बच पाईं। एक दिन अचानक उन्होंने फेसबुक पर एक संदेश पोस्ट किया।

इस संदेश के प्रसारित होने के अड़तालिस घंटों के भीतर ही सबकी सहायता करनेवाली डॉ.मनिषा जाधव ने इस जग से विदा ले ली।

कोविड 19 ऐसा संक्रमण है जो शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि, मानसिक रूप से भी पीड़ितों पर प्रभाव डालता है। लेकिन कोरोना योद्धा न सिर्फ इलाज कर रहे हैं बल्कि उनका उत्साह भी बढ़ा रहे हैं। गुजरात के गीर सोमनाथ जिले का यह वीडियो बहुत ही मार्मिक है। जिसमें एक बुजुर्ग की सेवा और बीमारी से उबरने के लिए कोरोना योद्धा तन्मयता से लगी हुई हैं। यह वायरल वीडियो है जिसे आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने साझा किया है।

 

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