भारत में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने सरकार की नींद उड़ा दी है। इसलिए केंद्र सरकार ने देश में बनी कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विदेशों में निर्मित वैक्सीन को भी आपात काल में इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी क्रम में हाल ही में रुसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही दूसरे टीके को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार भारत में बहुत जल्द अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन नोवावैक्स की वैक्सीन को भी मंजूरी दी जा सकती है।
ये हो सकती है कीमत
मॉडर्ना
अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना ने एनआरएनए तकनीक पर अपने टीके का निर्माण किया है। इसका प्रभाव 94.1 प्रतिशत है। इसकी दो खुराक 28 दिन के अंतराल पर दी जाती है। मॉडर्ना के टीके को 30 दिन तक 2 से 8 डिग्री सेल्सियस में रखा जा सकता है। इसके साथ ही इसे शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस टीके की एक खुराक की कीमत 15 डॉलर से 33 डॉलर यानी 1125 रुपए से 2475 रुपए तक हो सकती है।
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फाइजर-बायोएनटेक
फाइजर-बायोएनटेक का कोरोना टीका मॉडर्ना टीके की तरह है। यह नोवेल कोरोना वायरस के जेनेटिक पदार्थ के खंडों पर आधारित है। इस टीके की दो खुराक तीन सप्ताह के अंतराल पर दी जाती है। इसका प्रभाव 94 प्रतिशत है। फाइजर के टीके को लेकर सबसे बड़ी समस्या इसे शून्य से 80 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रखना जरुरी है। इस टीके की एक खुराक की कीमत 6.75 डॉलर से 24 डॉलर यानी 506 रुपए से 1800 रुपए तक हो सकती है।
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जॉनसन एंड जॉनसन
जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की केवल एक खुराक दी जाती है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में तीन महीने तक रखा जा सकता है, जबकि शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर इसे दो साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
इस टीके का प्रभाव विश्व भर में 66 प्रतिशत और अमेरिका में 72 प्रतिशत तक पाया गया है। इसकी एख खुराक की कीमत 8.5 डॉलर से 10 डॉलर यानी 637 रुपए से 750 रुपए तक हो सकती है।
नोवावैक्स
नोवावैक्स का मानव परीक्षण होना बाकी है। यह वैक्सीन ब्रिटेन में मानव परीक्षण के दौरन 89.3 प्रतिशत सुरक्षित पाई गई है। इसके बाद इसे घरलू स्तर पर मानव परीक्षण करने के लिए स्थानीय अधिकारियों को आवेदन दिया गया है। इसकी कीमत भारत में तीन डॉलर यानी 225 रुपए हो सकती है।