कोरोना का खतराः मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश वासियों से किया ये आग्रह

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कोविड से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका की रणनीति सफल सिद्ध हुई है।

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दुनिया में कोविड का खतरा बढ़ता देख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 दिसंबर को शासन की महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान एक भी कोरोना का नया केस नहीं आया है। बावजूद इसके हमे पूरी सतर्कता बरतनी होगी। भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क के लिए जागरूक करें, नए वैरिएंट पर नजर रखें, हर पॉजिटिव केस की जीनोम सिक्वेंसिंग कराएं, कोविड टेस्टिंग और टीके की प्रीकॉशन डोज बढ़ाने समेत अधिकारियों को अन्य महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

कोरोना पर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कई देशों में विगत एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है। दिसम्बर माह में प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत रही है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 62 है। विगत 24 घंटों में 27 हजार 208 हजार टेस्ट किए गए। इसमें से एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई। इसी अवधि में 33 लोग उपचारित होकर कोरोना से मुक्त भी हुए।

ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका की रणनीति सफल सिद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कोविड से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका की रणनीति सफल सिद्ध हुई है। संभव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोतरी हो, ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा। अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशन, बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें।

खास बातेंः
कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करें। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श के अनुसार आगे की नीति तय की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार से सतत संपर्क-संवाद बनाए रखें।

कोविड के नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए। जो भी नए केस मिलें, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। दैनिक टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। गंभीर, असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

कोविड प्रबंधन में इंटेग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। गृह, स्वास्थ्य और नगर विकास विभाग परस्पर समंन्वय के साथ आइसीसीसी को फिर से एक्टिव करने की तैयारी करें।

प्रधानमंत्री के मंत्र “जहां बीमार-वहीं उपचार” की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, एएनएम, आशा बहनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, हर अस्पताल में पर्याप्त संसाधन होने चाहिए।

चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं का परीक्षण करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के नए पद सृजित किए जाएं। पुराने पदों में कोई कटौती न की जाए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाए।

अच्छी गुणवत्ता के साथ दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध हों। यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में जीवनरक्षक दवाओं की कमी न हो। मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की कार्यपद्धति में सुधार की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री स्तर से विभाग के कार्यों की समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट के दृष्टिगत प्रीकॉशन डोज लगाए जाने में तेजी की अपेक्षा है। लोगों को प्रीकॉशन डोज की जरूरत और उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाए। प्रयागराज माघ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य हो। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों, को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

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