कस्तूरबा अस्पताल में गैस रिसाव, दुर्घटना के पहले ही हुआ ऐसा

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मुंबई के महालक्ष्मी में संसर्गजन्य रोगों के सबसे बड़े अस्पताल में गैस रिसाव की खबर है। इसके बाद वहां भर्ती कोविड-19 रोगियों को दूसरे वॉर्ड में स्थानांतरित किया गया है। इस घटना की सूचना 11.34 मिनट पर दमकल विभाक के नियंत्रण रूम को मिली थी। जिसके बाद वहां दमकल विभाग के दल को भेजा गया।

कस्तूरबा अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में अचानक लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस के रिसाव की गंध आने लगी। यह रिसाव कोरोना रुग्णों के वॉर्ड में थी, जिसके बाद वहां भर्ती लगभग 10 मरीजों को अन्यत्र वॉर्ड में स्थानांतरित किया गया है। एलपीजी का रिसाव बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकता था परंतु, उसके पहले ही अस्पताल के दक्ष प्रशासन ने शीघ्रता से कदम उठाया। कोरोना संक्रमितों को स्थानांतरित करने के बाद दमकल विभाग के कर्मियों ने उस स्थान से एलपीजी रिसाव को बंद करने की कार्रवाई की।

एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल
कस्तूरबा अस्पताल दक्षिण पूर्व एशिया में संक्रामक रोगों का सबसे बड़ा अस्पताल है। कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए इस अस्पताल को सबसे पहले सज्ज किया गया था। अब इसमें जिनोम सिक्वेन्सिग प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इससे कोविड-19 के विभिन्न वेरियन्ट की दो-तीन दिनों में ही पहचान हो पाएगी और उन पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।

कोविड-19 उपचार के अलावा यहां चिकन पॉक्स, नीजल्स, मम्स, एएफपी, हेपाटाइटिस (ए,बी,सी,ई व अन्य), टायफाइड, मलेरिया, लेप्टो, डेंगू, एच1एन1, मनिनजाइटिस आदि का उपचार किया जाता है।

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