देश की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस कारण जेल प्रशासन की नींद उड़ गई है। वर्तमान में जेल में करीब 52 कैदी के साथ ही 7 अधिकारी भी कोरोना ग्रसित पाए गए हैं। इनमें से संक्रमित 35 कैदियों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। फिलहाल तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
इससे पहले 6 अप्रैल को तिहाड़ जेल में 19 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। लेकिन तब तक जेल का कोई कर्मचारी या अधिकारी इसकी चपेट में नहीं आया था। लेकिन इस बार की जांच में तिहाड़ जेल पर कोरोना ने डबल अटैक किया है।
क्षमता से दोगुने कैदी
जेल अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण अब तेजी से फैल रहा है। उनका कहना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि देश की सबसे बड़ी जेल में क्वारंटाइन सेंटर बनाने की कोशिश की जा रही है। इस समय तिहाड़ जेल में 20 हजार कैदी सजा काट रहे हैं, जबकि इसकी क्षमता लगभग 10 हजार ही है। अधिकारियों का कहना है कि कैदियों की संख्या ज्यादा होने के कारण कोरोना के नियमों का पालन करना मुश्किल हो रहा है।
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200 कैदियों का टीकाकरण
तिहाड़ के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि हम जेल में आइसोलेशन सेंटर बना रहे हैं। इसके साथ ही कैदियों को न्यायालय में वर्चुअली ही पेश किया जा रहा है। इस बीच यहां अब तक 200 कैदियों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है। जेल में फिलहाल 326 कैदी 60 से अधिक और 300 कैदी 45 से 49 साल के बीच की उम्र के हैं।
नैनी जेल में भी संक्रमण
इस बीच उत्तर प्रदेश की नैनी जेल में तीन कैदियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद खलबली मच गई है। आनन फानन में उन्हें रखने के लिए एक अलग से बैरक बनाया गया है। दो दिन पहले सर्किल चार में तीन कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद जेल प्रशासन ने सभी कैदियों का कोरोना टेस्ट कराया है। साथ ही सर्दी, खासी, जुकाम और बुखार वाले कैदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडे ने बताया कि एहतियात के तौर पर हर तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
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भोपाल जेल में खतरा
भोपाल की सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी रखे जाने की शिकायतें मिल रही हैं। इस हालत में अगर संक्रमण फैलता है, तो स्थिति भयावह हो सकती है। दरअस्ल अब से पहले जेल में आने से पहले कैदियों को पहाड़ी जेल में क्वारंटाइन होना पड़ता था। उसके बाद ही उन्हें सेंट्रल जेल में लाया जाता था, लेकिन प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने कैदियों को जिला जेल मे रखे जाने पर रोक लगा दी है। इस कारण जेल में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। वैसे भी यहां क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं। इसकी क्षमता कुल 2700 कैदियों को रखने की है, जबकि यहां 3500 कैदी रखे गए हैं।
सर्वोच्च न्यायाल ने लिया था संज्ञान
बता दें कि 2020 में जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी तब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इसके मद्दे नजर देश भर की जेलों में बंद कदियों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की थी और कहा था कि क्या इस परिस्थिति को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और जेलों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं? इसके साथ ही न्यायालय ने राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने के कहा था, जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं।
महाराष्ट्र में ये था हाल
पिछले साल महारष्ट्र की कई जेलों में कोरोना संक्रमित कैदी पाए गए थे। पुणे की येरवडा और मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में भी कई कैदी संक्रमित पाए गए थे। अकेले ऑर्थर रोड जेल में सौ से अधिक कोरोना संक्रमित पाए जाने का बाद राज्य की जेलों में बंद 50 प्रतिशत कैदियों को रिहा करने की बात महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित कमेटी ने कही थी।