महाराष्ट्र में जहां कोरोना संक्रमण का तांडव जारी है। क्या आम और क्या खास सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बीच कोरोना काल में भी बाहर रहकर अपनी ड्यूटी निभाने पर मजबूर पुलिसकर्मी भी बड़े पैमाने पर इसके शिकार हो रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले चार महीनों में 95 पुलिसकर्मी इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि अप्रैल में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। इस महीने 64 पुलिसकर्मी कोरोना का शिकार होकर दम तोड़ चुके हैं।
बाहर रहकर ड्यूटी करने की मजबूरी
बता दें कि जब लॉकडाउन में लोग अपने घरों में बंद रहते हैं, तो पुलिसकर्मियों की अपनी ड्यूटी निभाने के लिए पुलिस स्टेशन में रहने या सड़कों पर पेट्रोलिंग करने की मजबूरी होती है। उन्हें नियम तोड़ने वाले लोगों को रोकने के लिए बाहर रहकर अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। इस हाल में उनके संक्रमण का खतरा काफी अधिक होता है और वे आसानी से कोरोना की चपेट में आ जाते हैं।
चार महीनों में 95 मौतेंं
कोरोना की दूसरी लहर में यानी जनवरी 2021 से 3 मई तक कुल 95 पुलिसकर्मी इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें कई पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
डरावने हैं आंकड़े
कोरोना की दूसरी लहर में पहली लहर की अपेक्षा ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हो रहे हैं।
पहली लहर में यानी 2020 में कोरोना से 332 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में मात्र पिछले चार महीनों में ही 95 पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना से 2020 और मई 2021 के बीच 427 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। इनमें सबसे अधिक मौतें मुंबई पुलिस में हुई हैं। उसके बाद ठाणे और नवी मुंबई शामिल हैं।
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2021 में पुलिस की मौत के आंकड़े
- जनवरी – 12 पुलिसकर्मियों की मौत
- फरवरी – 2 पुलिसकर्मियों की मौत
- मार्च – 12 पुलिसकर्मियों की मौत
- अप्रैल – 64 पुलिसकर्मियों की मौत
- मई- 5 पुलिसकर्मियों की मौत (3 मई तक)