थाने में सज गई आशा, लगी हल्दी और गाए गए मंगल गीत!

कोरोना त्रासदी के बीच आपातकालीन ड्यूटी पर भी पुलिस कर्मी अपने सामान्य जीवन को जीने का पूरा प्रयत्न करते हैं। इसमें तीज, त्यौहार और विवाह के अवसरों पर छुट्टियों का रोना बहुत आम है लेकिन इन सब पर मिलकर मात करके एक अच्छा वातावरण बनाकर पुलिसकर्मी कर्तव्य निभाते हैं साथ ही अपने पारिवारिक सरोकारों की भी पूरा करते हैं।

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कोरोना ने जीवन को बदल दिया है। डुंगरपुर सदर थाने में तैनात आशा की पिछले साल ही शादी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण टल गई। इस बार जब विवाह का मुहूर्त तय हुआ है तो देश कोरोना से त्राहिमाम कर रहा है। इस परिस्थिति में पुलिसकर्मियों को छुट्टियां भी नहीं मिल रही हैं। तो डुंगरपुर थाने ने इससे निपटने के लिए एक नया तरीका निकाल लिया।

डुंगरपुर राजस्थान में है लेकिन गुजरात सीमा से लगा हुआ है। यहां सदर कोतवाली में तैनात आशा रेत ने अपने विवाह के लिए छुट्टी का आवेदन किया हुआ था। लेकिन कोरोना महामारी में लगी आपातकालीन तैनाती के कारण छुट्टी विवाह के समय ही मिल पाई।

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आशा का विवाह 30 अप्रैल को होना है। डुगरपुर थाने के प्रभारी दिलीप दान ने बताया कि आशा का गांव हिराता शहर से 20 किमी दूर है। कोरोना के चलते राजस्थान में जन अनुशासन पखवाड़ा चल रहा है, जिसमें आशा की ड्यूटी भी लगी है। जिसके कारण छुट्टियों पर रोक है। लेकिन आशा को विवाह के कुछ दिन पहले ही छुट्टी दी गई है।

और सहकर्मियों ने किया आश्चर्यचकित
दिलीप दान ने बताया कि हमें पता था कि आशा का विवाह के पहले हल्दी की रस्म होनी है। लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली थी। वह ड्यूटी कर रही थीं, हम सभी ने उन्हें आश्चर्य चकित कर दिया। महिला पुलिस कर्मियों ने मुहूर्त के अनुसार थाने में ही आशा के हल्दी की रस्म की, मंगल गीत गाए। यही नहीं इलाके में हल्दी की परंपरा मुडिया और मुरजु के मुताबिक चारपाई पर दुल्हा-दुल्हन को बैठाकर उछाला जाता है इसलिए आशा को कुर्सी पर बैठाकर उछाला गया।

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