स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को वर्ष भर मनाया जाना है। इसके लिए अलग-अलग प्रतिष्ठानों और सरकारी संस्थाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम पुणे के यरवदा जेल से साइकिल रैली के रूप में शुरू होना है। जिसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने आयोजित किया है। यह यात्रा स्वतंत्रता समर के सपूतों की जन्मस्थली से गुजरेगी। यात्रा स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जन्मस्थली नासिक भी जाएगी परंतु उनके कार्यक्रम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर का नाम नहीं है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा आयोजित यरवदा जेल से राजघाट तक सबसे लंबी साइकिल रैली को 4 सितंबर को झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह साइकिल यात्रा पुणे से दिल्ली तक की 1,703 किमी की दूरी 27 दिनों में पूरी करेगी। यह जिन स्थानों से गुजरेगी उसमें स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।
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इस रैली की शुरुआत में यरवदा जेल और आगा खान पैलेस में दो अलग-अलग समारोह होंगे। रैली सुबह 10 बजे आगा खां पैलेस पहुंचेगी। उसका अगला गंतव्य स्थान राजगुरु नगर होगा। साइकिल रैली राजगुरुनगर, संतवाड़ी, संगमनेर, नासिक में भारतीय सुरक्षा प्रेस, चांदवड़, अरवी शहर और महाराष्ट्र के शिरपुर फाटा से होकर गुजरेगी।
भूले स्वातंत्र्यवीर
रैली में शामिल किए जा रहे कुछ ऐतिहासिक स्थानों में राजगुरुनगर (स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु का जन्मस्थान), मध्य प्रदेश में भावरा (चंद्रशेखर आजाद का जन्मस्थान) और शिवपुरी (तात्या टोपे की मृत्यु स्थान) भी मध्य प्रदेश में हैं। परंतु, नासिक के भगूर में स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर के जन्मस्थान को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भूल गया। उसकी साइकिल यात्रा स्वातंत्र्यवीर सावरकर की भूमि नासिक से गुजरेगी परंतु, इसका उल्लेख उसके कार्यक्रम सूची में नहीं है।