कोविड 19 के बुरे प्रभाव पड़े बच्चों पर, जानें कौन क्या कर रहा है?

कोविड 19 से बच्चे भी प्रभावित हुए हैं। जहां दूसरी लहर में यह बच्चों को संक्रमित करने लगा है वहीं बहुत सारे बच्चों ने संक्रमण में अपने माता पिता को खो दिया है।

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देश में कोरोना का भयंकर कहर बनकर टूटा है। इसके कारण अब तक देश में 3,35, 102 मौत हो गई है। इन मौतों के कारण किसी का अपना गया, मित्र गया तो कोई दुनिया में अकेला छूट गया है। ऐसे लोगों में से सबसे बुरी गति है उन बच्चों की जिनके माता-पिता दोनों या फिर कोई एक उनसे छूट गया है।

कोरोना दुनिया का क्रम बदल देगा, यह संक्रमण की शुरुआत से ही कहा जा रहा है, परंतु इसने तो संबंधों का क्रम ही बदल दिया है। कई लोग ऐसे हैं जो अकेले बच गए तो कइयों का पूरा परिवार इसकी भेंट चढ़ गया है। इसी में वह मासूम बच्चे भी हैं। इन बच्चों में से 1742 बच्चे अनाथ हो गए हैं जबकि, 7464 बच्चों के माता पिता में से किसी एक की कोविड 19 से मृत्यु हो गई है। यह जानकारी नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने सर्वोच्च न्यायालय को दी है। एनसीपीसीआर ने बताया कि कुल 9,346 बच्चों को देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है जिसमें 140 बच्चे त्याग दिये गए हैं।

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सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
अनाथ और बेसहारा बच्चों के संबंध में एक स्वसंज्ञान याचिका में न्यायालय ने सभी जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि वे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत मार्च 2020 के बाद अनाथ हुए सभी बच्चों की जानकारी बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करें।

न्यायालय ने राज्यों को आदेश दिया है कि वे सचिव/सहसचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करें, जो एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल को सभी जानकारी देंगे। यह आदेश दस राज्यों के संदर्भ में पास हुआ है। जिसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड का समावेश है।

अनाथों की सहायता में पीएम केयर्स
अनाथ और बेसहारा बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री के अधीन पीएम केयर्स से राशि दिये जाने की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत अनाथ बच्चों की शिक्षा, देखभाल के लिए लगनेवाली राशि के लिए मासिक सहायता राशि दी जाएगी। 23 वर्ष की आयु होने पर इन्हें पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

राज्य भी बाल सुरक्षा और देखभाल के लिए आगे आए
देश के कई राज्य कोविड 19 से अनाथ और बेसहारा हुए बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए योजनाएं बना रहे हैं या बना चुके हैं।

असम
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि कोविड 19 से अनाथ हुए प्रत्येक बच्चे के अभिभावक को बच्चे की शिक्षा के लिए राज्य सरकार 3,500 रुपए देगी। जिन बच्चों का कोई नहीं है उन्हें आवासीय संस्थानों में भेजा जाएगा। जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बेसहारा और अनाथ बच्चों के लिए योजनाएं निर्माण में हैं। महिला व बालकल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर ने इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करके अनाथ बच्चों की देखभाल, शिक्षा के लिए योजना बनाने को कहा है।

कर्नाटक
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अनाथ और बेसहारा बच्चों की देखभाल के लिए बाल सेवा योजना की घोषणा की है। इसके अंतर्गत बच्चे के अभिभावक या देखभाल करनेवाले को 3,500 रुपए दिये जाएंगे। जिनका कोई नहीं है उन्हें बालगृह में रखा जाएगा। 10वीं की शिक्षा पूरा करनेवाले बच्चों को लैपटाप और 21 साल की आयु पूरी करनेवाली युवतियों के विवाह, उच्च शिक्षा व स्वरोजगार के लिए एक लाख रुपया दिया जाएगा।

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तमिलनाडु
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने निर्णय लिया है कि अनाथ या बेसहारा बच्चों के अकाउंट में पांच लाख रुपए जमा किये जाएंगे जो 18 वर्ष की आयु होने पर ब्याज के साथ बच्चे को मिलेगी। जिनके माता पिता दोनों की कोविड 19 से मौत हो गई है, ऐसे बच्चों को बालगृह में रखा जाएगा। उन्हें नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। ऐसे बच्चे जिनके माता पिता दोनों में से किसी एक की मौत कोविड 19 से हुई है, उन बच्चों की सहायता के लिए तीन लाख रुपए दिये जाएंगे।

हरियाणा
राज्य में बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई है। जो बच्चे परिवारों में रहेंगे उनके लिए 18 वर्ष तक 2,500 रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे और पढ़ाई के लिए 12000 रुपए प्रति वर्ष दिया जाएगा। जो बच्चे बाल संस्थान में रहेंगे उनका खर्चा संस्थान उठाएगा लेकिन बच्चों के खाते में प्रतिवर्ष 1,500 रुपए जमा कराए जाएंगे। जब ये बच्चे 21 साल के होंगे तो इन्हें जमा राशि दी जाएगी।

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