उप्रः बेसिक के बच्चों को स्कूल ड्रेस, जूता, मोजा की नो टेंशन, मुख्यमंत्री ने बैंक अकाउंट में भेजे ‘इतने’ रुपये

आज उप्र की बेसिक शिक्षा परिषद के बालक-बालिका गौरवान्वित महसूस करते हैं। उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है। अब लोग अपने बच्चों को यहां पढ़ाना चाहते हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 अगस्त को बेसिक शिक्षा विभाग के एक करोड़ 91 लाख बच्चों के स्कूल ड्रेस, जूता, मोजा व अन्य सामग्री खरीदने के लिए 1200 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से अभिभावकों के बैंक खाते में हस्तांतरित किए। इस मौके पर अध्यापकों को सम्मानित भी किया गया। इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए संकल्प दिलाया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 का सबसे ज्यादा असर शिक्षा पर पड़ा। उसमें भी सबसे अधिक असर बेसिक शिक्षा पर पड़ा। सरकार ने अपने स्तर पर प्रयास किया। दूरदर्शन ने पाठ्यक्रम शुरू किया। ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गयी लेकिन उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या ऐसी थी जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। टेबलेट, लैपटॉप, फोन और इंटरनेट के अभाव में वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों में जब हम लोगों ने स्कूल चलो अभियान शुरू किया तो एक करोड़ 91 लाख संख्या पहुंच गई। इन बच्चों के लिए स्कूल बैग, जूता, मोजा, कॉपी-किताब, स्टेशनरी की व्यवस्था की गई।

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2017 से पहले स्कूलों की दयनीय थी स्थिति
उन्होंने कहा कि स्कूलों की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। कुछ जगहों पर तो यह पता ही नहीं चलता था कि यह स्कूल है या कोई बाग है। कहीं छात्र थे तो शिक्षक नहीं। कहीं शिक्षक थे तो छात्र नहीं। कहीं यह दोनों हैं तो भवन नहीं था। बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। कोई अपने बच्चों को यहां भेजना नहीं चाहता था। उस समय हम लोगों ने एक अभियान चलाया। जनप्रतिनिध, अधिकारियों, संस्थाओं, पंचायतों ने स्कूलों को गोद लिया। स्कूलों की स्थिति बदली। पांच वर्षों में विभाग ने अपना भरोसा बढ़ाया है। लोग अब यहां बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। बच्चों की बढ़ी हुई संख्या इसका प्रमाण है।

पांच वर्षों में विद्यालयों की तस्वीर बदली
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लाख 62 हजार शिक्षकों की तैनाती की गई। केंद्र और राज्य सरकार के अलावा जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्राम पंचायतों ने मिलकर के विद्यालयों को गोद लिया। आज वह विद्यालय दर्शनीय हैं। मुझे याद है  कि 60 से 70 प्रतिशत बालिकाएं नंगे पैर स्कूल आने को मजबूर थीं। बालकों में भी ऐसी बड़ी संख्या थी। सरकार ने बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म, जूते, मोजे समेत स्टेशनरी दी गयी। आज बेसिक शिक्षा परिषद के बालक-बालिका अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है। अब लोग अपने बच्चों को यहां पढ़ाना चाहते हैं।

शिक्षकों के अहम योगदान से बच्चों का सुधर रहा भविष्य: संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हर एक बच्चे का शिक्षा पाने का अधिकार है। मुख्यमंत्री यागी के मार्गदर्शन में बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए धनराशि भेजी जा रही है। इस धनराशि से बच्चों के लिए जूते, मोजे, कपड़े, कॉपी, किताब खरीदे जाएंगे। यह धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जा रही है। 2017 में बेसिक स्कूलों में एक करोड़ 52 लाख बच्चे थे। आज स्कूल चलो अभियान के माध्यम से एक करोड़ 91 लाख बच्चों की संख्या पहुंच गयी है। शिक्षकों के योगदान से यह सब संभव हो पा रहा है। इस मौके पर बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबदेवी, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, आराधना शुक्ला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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