महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सूबे में किसान आत्महत्या रोकने और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि डॉ. पंजाबराव देशमुख जैविक खेती अभियान की स्थापना की गई है। इसे जनांदोलन का स्वरूप देने का प्रयास किया जाएगा।
नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिंदे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में करीब 5.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्रमाणित जैविक खेती की जाती है।
इस तरह दिया जा रहा जैविक खेती को बढ़ावा
आदिवासी क्षेत्र सहित राज्य का 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्राकृतिक खेती के अधीन है और केंद्र की कृषि विकास योजना तथा भारतीय प्राकृतिक कृषि प्रणाली योजना के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में रासायनिक दवाओं और उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए विज्ञान आधारित जैविक खेती के प्रयास चल रहे हैं। रासायनिक खाद और दवा के बिना भूमि संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार प्राकृतिक खेती के तरीकों का इस्तेमाल बढ़ाने की अपील किसानों से करती है। इससे लागत कम होगी और अधिक लाभदायक खेती होने में मदद होगी। इससे छोटे किसानों को फायदा होगा।
अब तक 1628 किसान समूहों के 61 हजार किसान प्रशिक्षित
प्रदेश में अब तक 1628 किसान समूहों के 61 हजार किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसानों को वाजिब कीमत पर प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रमाणित करने के लिए राज्य सरकार की स्वतंत्र प्रमाणन संस्था की स्थापना की जा रही है। डॉ. पंजाबराव देशमुख जैविक खेती अभियान महाराष्ट्र में स्थापित किया गया है। इसके माध्यम से राज्य के किसान आत्महत्या ग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। प्राकृतिक और डिजिटल खेती के संदर्भ में प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए मास्टर्स ट्रेनर कार्यक्रम राज्य में शुरू किया जाएगा। केंद्र सरकार इसके लिए सहयोग करे। कृषि व्यवसाय को प्रोत्साहन देने और कृषि उत्पादों की मूल्य शृंखला विकसित करने के लिए बालासाहेब ठाकरे स्मार्ट प्रोजेक्ट और एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से मैग्नेट प्रोजेक्ट कार्यान्वित किया गया है। इस परियोजना के माध्यम से प्राकृतिक कृषि पर भी जोर दिया जा रहा है।
डिजिटल कृषि की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल कृषि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और राज्य में 2 करोड़ 20 लाख 45 हजार 901 किसानों की भूमि अभिलेख की जानकारी का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर 1 करोड़ 12 लाख किसानों का डेटाबेस उपलब्ध है। जमीनों के पंजीयन अनुसार इस डेटाबेस की मरम्मत की प्रक्रिया राज्य में चल रही है। यह डेटाबेस अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उपयोगी होगा। किसान ई-हक प्रणाली पर संशोधन पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है और आवेदन की वर्तमान स्थिति जानने की सुविधा है। ई-फसल निरीक्षण उपक्रम के माध्यम से एक करोड़ हेक्टेयर से अधिक फसलों की जानकारी प्राप्त की गई है।