एमएसईडीसीएल की टीम ने महाराष्ट्र के विरार पश्चिम अनुमंडल के अरनाला के चार ग्राहकों के खिलाफ बिजली कटौती के कारण बिजली मीटर काट देने के बाद भी बिजली चोरी करने की कार्रवाई की है। सभी चार उपभोक्ताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 379 (चोरी), 34 (साजिश) और बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 135 (बिजली की चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बकाया राशि के कारण नारायण भिव मेहर (बचवपाड़ा, अर्नाला), जे. आर। टंडेल (बंदरपाड़ा, अर्नाला), नीलोफर समीर चौस (एसटी पाड़ा, अर्नाला), महादेव दामोदर पाटिल (धर्मेश्वर पाड़ा, अर्नाला) के मीटर काट दिए गए। जांच में पाया गया कि इसके बाद भी ये ग्राहक नंबर हुक फेंक कर बिजली का इस्तेमाल करते रहते हैं।
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ग्राहकों की बिजली खपत पर विशेष ध्यान
सहायक अभियंता अशोक मेश्राम की शिकायत पर अरनाला थाने में मेहर द्वारा 51,370 रुपये, टंडेल द्वारा 14,850 रुपये, चौस द्वारा 43,530 रुपये और पाटिल द्वारा 78,800 रुपये की बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया है। विरार पश्चिम अनुमंडल के उप कार्यकारी अभियंता प्रशांत येंगे के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। एक बार बकाया के कारण बिजली की आपूर्ति काट दी जाती है, तब तक संबंधित ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं की जाती है जब तक कि बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जाता है और पुन: कनेक्शन शुल्क का भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसे उपभोक्ताओं ने एक-दूसरे, पड़ोसियों या अन्य लोगों से बिजली ली है, इसके बाद उपभोक्ताओं और उनके आपूर्तिकर्ताओं दोनों के खिलाफ आपराधिक और दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए टीमों द्वारा बकाया के कारण बिजली गंवाने वाले ग्राहकों की बिजली खपत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।