कोरोना काल में कार्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना खतरनाक हो सकता है। इससे एक साथ कार्यालय के सभी कर्मचारी कोरोना महमारी की चपेट में आ सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका ने आधार वेरिफाइड फेशियल प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है। इस प्रणाली में न रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने की जरुरत है और न बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने की ही आवश्यकता है। इसमें सिर्फ मशीन के सामने खड़ा होने से कर्मचारी की उपस्थिति दर्ज हो जाएगी।
कोरोना के खतरे के मद्देनजर निर्णय
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मार्च महीने से ही मंत्रालय और महानगरपालिका आदि सरकारी संस्थानों में बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली बंद कर दिया गया है। फिलहाल ज्यादातर कार्यालयों में फिर से उपस्थिति दर्ज काराने के लिए पुरानी पद्धति यानी रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की पद्धति अपनाई जा रही है, लेकिन इसमें भी कोरोना का खतरा बना हुआ है। इस वजह से मुंबई महानगरपालिका ने लिनक्सड बैस्ड आधार वेरिफाइड फेशियल प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है।
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नायर अस्पताल में प्रयोग सफल
फिलहाल नायर अस्पताल में इस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। यहां करीब 3 हजार 500 का स्टाफ है और यह प्रणाली पूरी तरह सफल है। इससे उत्साहित बीएमसी ने महानगरपालिका के डी-विभाग में भी इस प्रणाली की 40 मशीनें लगा रही हैं। यहां सफल होने के बाद इसका इस्तेमाल महानगरपिलका मुख्यालय में भी किया जाएगा।
कामगार संगठन भी सहमत
इस प्रणाली के इस्तेमाल पर कामगार संगठनों ने भी सहमति जताई है। इससे पहले महापौर के साथ हुई बैठक में संगठन के नेताओं ने बायोमेट्रिक प्रणाली को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कोराना काल में इसके पर्याय तलाशने की मांग की थी। यह नई प्रणाली जहां सौ फीसदी सुरक्षित है, वहीं यह काफी आसान और आधुनिक भी है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
- रजिस्ट्रेशन करने के लिए कर्मचारियों को अपने आधार कार्ड और जिस मोबाइल नंबर से आधार कार्ड लिंक किया गया है, वह पास में होना जरुरी है।
- आधार लिंक करने के बाद कर्मचारी के मोबाइल पर एक ओटीपी नंबर आएगा, वह ओटीपी इस प्रणाली में डालने पर प्रणाली अपडेट हो जाएगा।
- इसके बाद प्रणाली पर संबंधित कर्मचारी की फोटो निकाली जाएगी। ये फोटो और आधार कार्ड की फोटो मैच होने के बाद उपस्थिति दर्ज हो जाएगी
- स्पर्श किए बिना मशीन के सामने खड़े हो जाने भर से उपस्थिति दर्ज होने से जहां कोरोना से कर्मचारियों का बचाव हो सकेगा, वहीं इससे उनका समय भी बचेगा।
Join Our WhatsApp Communityमुंबई महानगरपालिका के नायर अस्पताल में यह प्रणाली प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई है। अभी तक वहां यह प्रणाली अच्छी तरह काम कर रही है। बहुत जल्द ही यह बीएमसी के अन्य कार्यालयो में भी शुरू की जाएगी।
मिलिन सावंत, सह आयुक्त( सामान्य प्रशासन)