Artificial rain: दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली एनसीआर के लिए क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) का तकनीकी परीक्षण और मूल्यांकन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और कम बारिश से प्रभावी ढंग से निपटना है।
आईआईटी कानपुर करेगा प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन और मूल्यांकन
दिल्ली सरकार कृत्रिम वर्षा के लिए पांच ट्रायल करेगी। इस पर अनुमानित ख़र्च 2.75 करोड रुपए आएगा। इसके अलावा एक बार की व्यवस्था जैसे एयरक्राफ्ट की कैलिब्रेशन , केमिकल स्टोरेज और लॉजिस्टिक के लिए 66 लख रुपए खर्च तय किया गया है। इस तरह प्रोजेक्ट की कुल लागत 3.21 करोड़ रुपए होगी।
क्या है क्लाउड सीडिंग प्रकिया
क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाइड जैसे तत्वों को बादलों में डाला जाता है ताकि वर्षा की संभावना बढ़ाई जा सके। दिल्ली जैसे शहरों में इसे प्रदूषण कम करने और वर्षा की कमी दूर करने के लिए एक संभावित उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
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दिल्ली सरकार इस ट्रायल के लिए आईआईटी कानपुर को फंड जारी करेगी। पहला ट्रायल मई के अंत या जून 2025 में हो सकता है, जो लगभग 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में, मुख्यतया दिल्ली के बाहरी इलाकों में होगा।
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