राजा शिव छत्रपति महानाट्य का भूमिपूजन समारोह संपन्न! जानिये, कैसी भव्य है तैयारी

भूमि पूजन के साथ ही शिवाजी महाराज के जन्म से लेकर छत्रपति बनने तक की ऐतिहासिक गौरवगाथा के लिए दिल्ली तैयार है।

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भारत का इतिहास देश भक्तों और बलिदानी पुरुषों से भरा पड़ा है। हमारे इतिहास में एक से बढ़कर वीर पैदा हुए। इनमें से जिन्होंने इतिहास की धारा को मोड़ा, छत्रपति शिवाजी महाराज उनमें से एक थे। शिवाजी महाराज का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। लेकिन बचपन से ही वे विदेशी आक्रांताओं को बाहर करने के बारे में सोचते रहते थे। शिवाजी महाराज ने आगे चलकर अटक से कटक तक हिंदवी स्वराज का भगवा परचम लहराया। ये विचार केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के हैं। वे लाल किला परिसर में आयोजित राजा शिव छत्रपति महानाट्य के लिए आयोजित भूमिपूजन समारोह में बोल रहे थे।

मजबूत हाथों में देश
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत सोने की चिड़िया है, जिसे चुराने की साजिश होती रही है। लेकिन अब देश मजबूत हाथों में है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के शासन-प्रशासन से हमें सीख लेने की जरूरत है। शिवाजी महाराज ने सेना के साथ ही नौ सेना को भी मजबूत बनाया। समुद्र तट को सुरक्षित किया। उनकी सेना में हर जाति-धर्म के लोग थे।

युद्धनीति हमें समझने की जरूरत
कार्यक्रम के संयोजक वैभव डांगे ने कहा कि शिवाजी के चरित्र को समझने के लिए राजा शिव छत्रपति महानाट्य को लोगों के बीच प्रचारित करने की जरूरत है। शिवाजी के चरित्र के साथ ही उनकी शासन-प्रशासन और युद्धनीति को हमें समझने की जरूरत है। वैभव डांगे ने कहा कि भारतीयों के साथ ही विदेशी राजदूतों को भी नाटक देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। लगभग पांच हजार विदेशी मेहमानों को नाटक दिखाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही विभिन्न स्कूलों में शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। इसमे दिल्ली के 20 हजार छात्रों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

दिल्ली तैयार
भूमि पूजन के साथ ही शिवाजी महाराज के जन्म से लेकर छत्रपति बनने तक की ऐतिहासिक गौरवगाथा के लिए दिल्ली तैयार है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से 2 से 6 नवम्बर 2022 को लाल किला दिल्ली में होगा। दिल्ली का लालकिला दूसरी बार राजा शिव छत्रपति महानाट्य का गवाह बनेगा। पहली बार साल 2018 में लालकिला दिल्ली इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना था। इस बार महानाट्य का मंचन आजादी के अमृतकाल में हो रहा है।

1000 से अधिक मंचन
इस महानाट्य का भारत, अमरीका और इंग्लैंड सहित दुनिया भर में 1000 से ज्यादा मंचन हो चुका है। चार मंजिला रंगमंच, 250 से ज्यादा कलाकार और घोड़े पर सवार सैन्यबल हमारे भीतर छत्रपति शिवाजी के जीवन चरित्र को उतारते चले जाते हैं। तोप, हाथी, घोड़े पर सवार सैनिक राजा शिव छत्रपति माहानाट्य को सजीव बना देते हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, भाजपा नेता श्याम जाजू, पूर्व मेयर जेपी अग्रवाल, भाजपा नेता अशोक गोयल और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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