अयोध्या : इस तिथि से होगा रामलला के गर्भगृह निर्माण का शुभारंभ, मुख्यमंत्री योगी रखेंगे पहली शिला

ज्योतिषी आचार्य का कहना है कि द्वितीया तिथि शास्त्रों के अनुसार वास्तु कर्म एवं प्रतिष्ठा के लिए सर्वथा अनुकूल होती है।

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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के भव्य मन्दिर के गर्भगृह का निर्माण पहली जून से शुरू हो जायेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 22 मई को जारी बयान में यह जानकारी दी। श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला के गर्भगृह के निर्माण की पहली शिला एक जून को रखी जायेगी। मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़ी 23 मई तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार देश दुनिया के रामभक्तों के लिए एक जून को गर्भगृह के निर्माण कार्य का शुभारंभ होना बड़ी खुशखबरी है। इससे मंदिर निर्माण को लेकर रामभक्तों का पांच सौ साल का इंतजार खत्म हो जाएगा।

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ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (एक जून को) मृगशिरा नक्षत्र व आनन्द योग के शुभ मुहूर्त में रामलला के गर्भगृह का निर्माण विधि विधान से पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला के पूजा-अर्चना के बाद गर्भगृह की पहली शिला रखेंगे। राम मंदिर के ट्रस्टी सहित संत-धर्माचार्य भी इस अवसर के साक्षी बनेंगे। पांच अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन किया था। अब सीएम योगी को रामलला के गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। 11 वैदिक आचार्य विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना के बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ करवायेंगे।

दो घंटे चलेगी पूजन प्रक्रिया
बताया जा रहा है कि सुबह नौ बजे से शुरू होने वाली पूजन प्रक्रिया दो घंटे तक चलेगी। सीएम योगी ने ही टेंट में विराजमान रामलला को अस्थायी मंदिर में विराजित कराया था। अब उनके गर्भगृह के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी उनके हाथों शुरू होगी। मंदिर निर्माण की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक अभी राम मंदिर के तीसरे चरण के तहत गर्भगृह के चबूतरे के निर्माण का काम चल रहा है। सात लेयर में बन रहे इक्कीस फीट ऊंचे प्लिंथ की अभी तक पांच परतें ढाली जा चुकी हैं। हालांकि प्लिंथ के निर्माण का काम पूरा होने में अभी करीब दो महीने लगेंगे, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक जून से गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। गर्भगृह स्थल से रामलला के घर के लिए पत्थरों की सेटिंग का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। जिस-जिस दिशा में प्लिंथ का काम पूरा होता जायेगा, उस-उस दिशा में गर्भगृह के पत्थर भी लगाये जाते रहेंगे। इस तरह दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। ट्रस्ट ने बताया कि प्लिंथ में कुल 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर लगने हैं। अब तक 5000 पत्थर लगाये जा चुके हैं।

’रिटेनिंग वॉल’ का भी 60 प्रतिशत काम पूरा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया है कि ’रिटेनिंग वॉल’ का भी साठ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 तक रामलला का गर्भगृह तैयार करने का लक्ष्य है। प्लिंथिंग रिटेनिंग वॉल व गर्भगृह तीनों का निर्माण कार्य एक साथ चलता रहेगा। अगले माह से गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा और मृगशिरा के शुभ नक्षत्र में गर्भगृह का काम पूरा हो जायेगा। चंपत राय ने कहा कि दिसंबर 2023 में रामलला का गर्भगृह तैयार होने के बाद गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठापना होते ही भक्तों को दर्शन-पूजन मिलने लगेंगे।

वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान
साकेत भवन मंदिर के महंत ज्योतिषाचार्य प्रवीण ने बताया कि राम मंदिर के लिये भूमि पूजन से लेकर निर्माण तक के हर चरण का शुभारंभ शुभ तिथियों पर पूजन-अर्चन के बाद ही हुआ है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में वास्तु शास्त्र का भीविशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक जून को 25 है और सूर्योदय से शाम 7.22 बजे तक द्वितीया तिथि है।

शुभ है मुहूर्त
ज्योतिषी आचार्य के मुताबिक द्वितीया तिथि शास्त्रों के अनुसार वास्तु कर्म एवं प्रतिष्ठा के लिए सर्वथा अनुकूल होती है। वहीं, इस दिन मृगशिरा नक्षत्र भी है, जो सुबह 11.26 बजे तक है। इससे पहले तक शिला स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देना उचित होगा।

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