श्री राम मंदिर निर्माणः जिन प्रदेशों में हिंदू अल्पसंख्यक, वहां से भी मिले करोड़ों के चंदे!

देश के उत्तर-पूर्व के उन राज्यों से भी राम मंदिर निर्माण के लिए अच्छा प्रतिसाद मिला है, जिनमें हिंदुओं की संख्या काफी कम है और उन प्रदेशों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिये जाने की मांग की जा रही है।

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अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर देश भर में युद्ध स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान को पूरे देश में जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। मंदिर निर्माण के लिए देश के लोग दिल खोलकर दान दे रहे हैं। यही वजह है कि लोगों से दान लेने के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलाए गए निधि समर्पण अभियान में 2,500 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है। इसके लिए श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

सबसे अच्छी बात यह है कि देश के उत्तर-पूर्व के उन राज्यों से भी राम मंदिर निर्माण के लिए अच्छा प्रतिसाद मिला है, जिनमें हिंदुओं की संख्या काफी कम है और उन प्रदेशों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिये जाने की मांग की जा रही है।

इन राज्यों से मिले करोड़ों रुपए
पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश से 4.5 करोड़, मणीपुर से 2 करोड़, मिजोरम से 21 लाख, नागालैंड से 28 लाख व मेघालय से 85 लाख तथा दक्षिण के राज्यों में से तमिलनाडु से 85 करोड़ व केरल से 13 करोड़ समर्पण राशि जमा हुई है। बता दें कि इन राज्यों में हिंदुओं की आबादी कम हो गई है। इस वजह से उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की जा रही है।

अंतिम आंकड़ा आना बाकी
हालांकि अंतिम आंकड़े आने शेष हैं, फिर भी 4 मार्च तक की प्राप्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि समर्पण राशि 2500 करोड़ को पार करेगी। बता दें कि इसी माह में देश के प्रत्येक जिले में अभियान का ऑडिट भी पूर्ण हो जाएगा। हालांकि ये अभियान पूर्ण हो गया है, लेकिन जो राम भक्त इस समर्पण से वंचित रह गए हैं, वे वेबसाइट https://srjbtkshetra.org के माध्यम से कभी भी दान कर सकते हैं।

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इस तरह चलाया गया निधि समर्पण अभियान
अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विशाल अभियान में 1,75,000 टीमों में लगभग 9 लाख कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संपर्क किया। 38125 कार्यकर्ताओं के माध्यम से समर्पण निधि बैकों में जमा की गई। हैदराबाद स्थित धनुषा इन्फोटेक द्वारा बनाए गए ऐप ने कार्यकर्ताओं, बैंकों तथा न्यास के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में कार्य किया।

दिल्ली में मुख्य केंद्र
सम्पूर्ण अभियान की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जहां देश भर में 49 नियंत्रण केंद्र बनाए गए, वहीं दिल्ली स्थित मुख्य केंद्र में दो चार्टर्ड एकाउंटेंटों के नेतृत्व में अकाउंटस की निगरानी हेतु 23 योग्य कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण भारत से सतत संपर्क साधकर रखा।

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इन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक
दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर देश के आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक होने का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इन राज्यों में हिंदुओ की जनसंख्या कम हो गई है। इसलिए उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान किया जाए। इन राज्यों में पांच उत्तरी-पूर्व राज्य मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं। बाकी तीन राज्य पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप शामिल हैं।

2011 की जनगणना का दिया हवाला
उपाध्याय ने 2011 की गनगणना का हवाला दिया है। 2011 की जनगणना के अनुसार याचिका में दिए गए नामों में  हिंदुओं की जनसंख्या लक्षद्वीप में 2.5, मिजोरम में 2.75, नागालैंड में 8.75, मेघालय में 11.53, जम्मू-कश्मीर में 28.44, मणिपुर में 31.39 तथा पंजाब में 28.44 फीसदी हिदू आबादी है।

ये है आरोप
उपाध्याय का आरोप है कि अल्पसंख्यक होने के बावजूद इन राज्यों में हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। क्योंकि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकारों ने हिदुओं को अल्पसंख्यक कानूनों के राष्ट्रीय आयोग की धारा 2 सीके तहत अल्पसंख्यक के रुप में अधिसूचित किया है।

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