असम : ईसाई आदिवासी परिवारों के ‘इतने’ सदस्यों ने फिर अपनाया हिंदू धर्म

27 फरवरी को मोरीगांव जिलांतर्गत जागीरोड़ के तिवासोंग गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में यज्ञ सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के बाद कई लोग फिर पारंपरिक धर्म में वापस आ गए।

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असम में ईसाई आदिवासी परिवारों के 142 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी कर ली है। 27 फरवरी को मोरीगांव जिलांतर्गत जागीरोड़ के तिवासोंग गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में यज्ञ सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के बाद ये लोग फिर पारंपरिक धर्म में वापस आ गए।

इस संबंध में गोबा देवराजा राज परिषद के महासचिव जुरसिंह बोरदलोई ने बताया कि परिषद के ‘घर वापसी’ कार्यक्रम में 142 आदिवासी समुदायों के लोग स्वेच्छा से पारंपरिक धर्म में लौट आए। बोरदलोई ने कहा कि तिवा जनजाति के लगभग 1,100 परिवार के सदस्य, जो पहले ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे, ने सनातन धर्म में लौटने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन सभी ईसाईयों ने उनकी संस्था गोबा देवराजा राज परिषद से संपर्क कर स्वेच्छा से सनातन धर्म अपना लिया है। उन्होंने सनातन और हिंदू धर्म में हमेशा आस्था और विश्वास रखने का वादा किया है। बोरदलोई ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी ईसाई पहचान को त्याग दिया और आज से हिंदू तिवा संस्कृति और परंपरा को अपना लिया है।

जन्म से थे हिंदू
महासचिव बोरदलोई ने बताया कि तिवा समुदाय में जो लोग हिंदू धर्म में परिवर्तित हुए या ऐसा करने का फैसला किया, वे जन्म से हिंदू थे। उनके कुछ दादा-दादी आर्थिक परिस्थितियों और शिक्षा की कमी के कारण ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे। उन्होंने कहा, ‘हम धर्मान्तरित लोगों का पूरा समर्थन करेंगे ताकि वे उचित आजीविका कमा सकें। मैं उन्हें कृषि जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल कराने का प्रयास करूंगा।

असम सरकार ने की काफी मदद
उन्होंने दावा किया कि असम सरकार ने उनकी काफी मदद की है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए तिवा परिषद द्वारा विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। बोरदलोई ने कहा कि परिषद मतदाता सूची में उनके नाम शामिल कराने का प्रयास कर रही है, राशन कार्ड भी तैयार किए गए हैं।

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