अंदमान वीरों की भूमि है, यहां स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने काल कोठरी से स्वतंत्रता की अमरवाणी को नई गति दी। यहां पर सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को अर्पण किया। इसके साथ ही इसी अंदमान की भूमि पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने पहली बार तिरंगा फहराया था। नेताजी द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे झंडे की 78वीं वर्षगांठ और उनकी 125वीं जयंती अंदमान द्वीप पर एक नए संदेश के साथ मनाई गई। जिसमें द्वीप वासियों से कहा गया गुड मॉनिंग, गुड ईवनिंग छोड़िये जय हिंद बोलिये।
पोर्ट ब्लेयर और अंदमान द्वीप को वह सौभाग्य प्राप्त है, जिसमें वह राष्ट्र की स्वतंत्रता की पहली किरण से प्रकाशमान हुआ था। यहां की जेल की दीवारें आज भी विश्व को रोमांचित करती हैं। इन दीवारों की एक-एक ईंट क्रांतिकारियों के त्याग की कहानी कहती हैं। अंदमान द्वीप की इस ऐतिहासिक भूमि पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा गठित अविभाजित भारत की पहली आजाद हिंद सरकार की 78वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस सरकार का गठन 21 अक्टूबर, 1943 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किया था। जिसके प्रधानमंत्री नेताजी स्वयं थे।
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दीयों से जगमगाया द्वीप
- इस ऐतिहासिक दिवस की सुध अंदमान ने रखते हुए द्वीप पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये। जिसमें सरस्वती शिशु मंदिर में ध्वजारोहण किया गया। इसके अलावा सरस्वती शिशु मंदिर से मरीना पार्क तक एक रैली निकाली गई। एक अन्य रैली हमफ्री गंज के बलिदान बेदी से निकाली गई थी।
- अंदमान द्वीप समूह भारत को मंडित करनेवाले सागर के बीच छोटे-छोटे द्वीप हैं, जो आकाश से देखने पर भारत की पावन भूमि के किनारे दीप मालिकाओं से प्रतीत होते हैं। इन दीप मालिकाओं को 21 अक्टूबर को द्वीप वासियों ने भी दीपों से प्रकाशित किया। इसके माध्यम से द्वीप समूह के निवासियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के प्रति अपना आभार प्रदर्शन किया।
- इसके अलावा द्वीप के सभी संस्थानों और गांवों में एक साथ आजाद हिंद फौज का झंडा फहराया गया।
एक संकल्प लिया
अंदमान द्वीप पर कार्यरत् आजाद हिंद फौज स्मृति समिति ने एक संकल्प लिया है। जिसके अनुसार उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि वे गुड मॉर्निंग और गुड ईवनिंग छोड़ दें और जय हिंद कहकर अभिवादन करें।