82 लाख में पड़ी ‘कंगना’!

भिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने मामले की जांच को लेकर हमला बोल दिया। इसमें मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठे तो परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की। जैसे-जैसे मुद्दा गर्म होता गया कंगना की इस मामले में बयानबाजी बढ़ी। इसे लेकर एक समय ऐसा आया कि कंगना विरुद्ध शिवसेना हो गया।

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मुंबई महानगरपालिका अपनी कार्रवाई को लेकर निशाने पर है। जिस कंगना की ईंट से ईंट बजाने वो उतरी थी उसमें उसकी ही जमीन ही ध्वस्त गई। अपनी इस प्रक्रिया में उसने वरिष्ठ वकील, भारी पुलिस बल और कर्मचारी लगाए जिसमें लाखो रुपए फुंक गए। लेकिन जब हाइकोर्ट का निर्णय आया तो मनपा को कंगना से लड़ाई 82 लाख पड़ी उसमें भी हर्जाने का हिसाब होना बाकी है।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने मामले की जांच को लेकर हमला बोल दिया। इसमें मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठे तो परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की। जैसे-जैसे मुद्दा गर्म होता गया कंगना की इस मामले में बयानबाजी बढ़ी। इसे लेकर एक समय ऐसा आया कि कंगना विरुद्ध शिवसेना हो गया। बड़े दिनों तक चली जुबानी जंग में कंगना चुप न हुई तो राज्य में सत्ता संभाल रही शिवसेना कहां चुप होती। कंगना के पुतले जले, उनके विरुद्द प्रदर्शन हुए और अंत में सबसे बड़ी कार्रवाई हुई। जिसे किया शिवसेना शासित मुंबई महानगरपालिका ने। मनपा ने कंगना के बांद्रा स्थित कार्यालय में अवैध रूप से किये कार्यों का कारण बताते हुए नोटिस दिया और चौबीस घंटे के भीतर तोड़ दिया। इस कार्रवाई को कंगना ने अवैध बताते हुए इसके विरुद्ध बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

वकील पर लाखो खर्च

कंगना द्वारा दायर याचिका का जवाब देने के लिए मनपा ने वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय को नियुक्त किया था। मनपा की तोड़क कार्रवाई से लेकर याचिका की सुनवाई तक 82 लाख रुपए खर्च कर दिये। जबकि इस मामले में कंगना की तरफ से उनके अधिवक्ता रिजवान सिद्दिकी देख रहे थे। इस पूरे मामले में मनपा की कार्रवाई को दोषपूर्ण बताते हुए कोर्ट ने मनपा की नोटिस को रद्द कर दिया। इस स्थिति में तोड़क कार्रवाई के लिए कंगना से पैसे वसूलने का स्वप्न देखेवाली मनपा के समक्ष अब हर्जाना देने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बतादें कि, हाईकोर्ट ने 10 सितंबर को मनपा की खिंचाई की थी। जिसमें कोर्ट ने कहा था कि, कंगना की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय में मनपा ने प्रवेश कैसे किया। इसके बाद 27 नवंबर को इस कार्रवाई को अवैध करार दे दिया।

बीजेपी को मिल गया मुद्दा

बीजेपी ने हाईकोर्ट के आदेश पर अब कंगना के खिलाफ कार्रवाई करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय बीजेपी विधायक अमित साटम ने मनपा आयुक्त, विभागीय सहायक आयुक्त तथा अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। साटम ने कहा कि कंगना के विरुद्ध कार्रवाई मनपा आयुक्त के आदेश पर की गई इसलिए इस मामले में अदालत ही ठोस आदेश देगी तो कार्रवाई संभव है।

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