तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से 7,800 लोगों की मौत हो गई। तुर्किये में 5,894 लोगों की, जबकि सीरिया में 1,932 से अधिक लोगों की जान चली गई। प्राकृतिक आपदा के बाद दुनियाभर के देशों ने बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए टीम भेजी है। वहीं, तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने बड़े पैमाने पर भूकंप प्रभावित 10 प्रांतों में अगले तीन महीने तक आपात स्थिति की घोषणा की है। तुर्की में भूकंप के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं।
बेघरों को वाणिज्यिक होटलों में रखने का ऐलान
राष्ट्रपति एर्दोगन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी इस बारे में ट्वीट किया गया है। उनके ट्वीट में जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तुर्किये के संविधान के अनुच्छेद 119 का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 10 प्रांतो में राहत और बचाव अभियान को तेजी से चलाने के लिए आपातकाल लगाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने तुर्की के पांचवें सबसे बड़े शहर अंताल्या में भूकंप से बेघर हुए लोगों को वहां के वाणिज्यिक होटलों में ठिकाना देने की योजना का भी ऐलान किया।
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तुर्किये में 6,000 इमारतें जमींदोज
भीषण भूकंप से सिर्फ तुर्किये में ही लगभग 6,000 इमारतों के ढहने की पुष्टि की गई है। आपदा में बचे हुए लोगों तक पहुंचने के प्रयास में शून्य से नीचे का तापमान और करीब कई बार आए भूकंप के झटके भी बाधा बन रहे हैं, इससे अस्थिर ढांचों के भीतर लोगों को खोजना काफी खतरनाक हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1,500 इमारतें जमींदोज हो गईं और कई लोगों ने अपने परिजनों के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की है।